दो गजलां – आंधी अर बादल़ा

१
मुरधर रमवा आवै आंधी।
बल़-कल़ आप बतावै आंधी।
फूस बुहारी करै फूठरी।
थल़ रो रूप सजावै आंधी।।
थल़ियां -थल़ियां हीमत देखण।
तीर! रावड़िया बावै आंधी।।
धूड़ गैंतूल़ा चहुंदिस करिया
निरमल़ नभ में छावै आंधी।।
जुग जूनै थल़वट सूं आ तो
दिन- दिन हेत बधावै आंधी।।
मुरधरिया देख्यां सह राजी।
सज दल़ नैं सरणावै आंधी।।
सूरज ढक नैं चंदो ढकियो।
वड़लां नैं बूंबावै आंधी।।
आकां! हाकां दूध चूसगी।
धोरां जोर जतावै आंधी।।
नींबोल़्यां रो झारो करवा।
मुल़- मुल़ रज बुरकावै आंधी।।
जाल़ां रांधी डाल़ लापसी।
जीमण नै मुल़कावै आंधी।।
खेजड़- खेजड़ खोखा चुगती।
फोगां- कैर रमावै आंधी।।
बेपारो रो ढालू रो करवा।
आ तो हेवा हुयगी आंधी।।
लाडां- कोडां थल़ वास्यां नैं।
अपणी हींड हींडावै आंधी।।
सुरपत रो संदेसो लाई।
झिरमिर मेह वरसावै आंधी।।
२
आतप माथै खीझ बादल़ा।
मुरधर माथै धीज बादल़ा।।
धवल़ा कंवल़ा देख धोरिया।
केल़ मोरियां रीझ बादल़ा।।
मुल़- मुल़ रेत उडावै आंधी।
ढाबण अंतस भीज बादल़ा।।
निठियो नीर नाडां रो नेही।
पालर राल़ पसीज बादल़ा।।
धरा विरंगी जोवै वाटां
तीजण रमसी तीज बादल़ा।।
तरां -सरां में जीवण आसी।
वरसै धार ईमीज बादल़ा।।
बाल़किया घरकोल्या करसी।
भीनी रेत अजीज बादल़ा।।
ग्वाल़ा गावै गीत कोड रा।
परघल़ प्रीत पतीज बादल़ा।।
बूठ धारोल़ा मोटा ठाकर!
हलधर बावै बीज बादल़ा।।
मुरधर री मनरल़ियां पूरै।
सुरधर रा मौजीज बादल़ा।।
~~गिरधरदान रतनू दासोड़ी