कलो भलो रजपूत कहीतो

कल्ला रायमलोत अर स्वाभिमान एक दूजै रा पर्याय मानीजै। जोधपुर रै राव मालदेव रै बेटै रायमल रो प्रतापी सपूत कल्लो (कल्याण दास) सीवाणै रो धणी। वो सीवाणो, जिण री थापना विक्रमादित्य रै बेटै वीर नारायण करी अर उण री साख रै खातर चहुंवाण वीर सातल अर सोम खिलजी सूं जूझता सुरग पथ रा राही बणिया। कोई इणनै़ सोम रै नाम सूं सोमियाणो अथवा समियाणो ई कैवै। उण दिनां अकबर रो राज हो। मोटै राजा उदयसिंहआपरी बेटी मानाबाई रो ब्याव अकबर साथै करणो तय कियो […]

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हर मा नै समर्पित – कुण जामण री होड करै

।।छंद-रे़णकी।।
राखै नव मास उदर मँझ रक्षा,
सास सास हद कष्ट सहै।
सींचै तन वेल रगत सूं सांप्रत,
रीझ जिणी पर मुदित रहै।
खीजै नहीं, भाव भरण नित खम्या,
ध्यान आप सूं अधक धरै।
थिगती जिण देह अडग कर थामण,
कुण जामण री होड करै।।1[…]

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दो गजलां

पैला वाल़ा भाव कठै बै।
सबरी बोरां चाव कठै बै।।
राम आपरो स्वारथ भाल़ै।
नेह परखणा चाव कठै बै।।
रोप्या हा तो रोप जाणिया।
अंगद वाल़ा पाव कठै बै।।

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मेघवाल़ होयो तो कांई ? म्है इण नैं भाई मानूं

माड़ रो माड़वो गाम जूनो सांसण। नैणसी, हमीर जगमालोत रो दियो लिखै तो उठै रा वासी उणस़ूं ई पुराणो मानै। इणी गांम में सोढैजी संढायच रै दो बेटा – अखोजी अर भलजी। भलजी स़ंढायच रै घरै मा वीरां री कूख सूं लोक पूज्य चारण देवी देवलजी रो जलम होयो – भलिया थारा भाग, देवल सरखी दीकरी। समदां लग सौभाग, परवरियो सारी प्रिथी।। देवलजीरी शादी ऊमरकोट रै गांम खारोड़ा रा देथा बापनजी साथै होई। यूं तो देवलजी रा घणा दिव्य चमत्कार अर लोकोपकारी काम चावा है, पण कमती लोग जाणता होसी कै आपां आज जिण दलित विमर्श अर दलितोत्थान री बातां […]

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म्हारै ऊभां मेड़ते पग देवै ! ऐड़ो कुण?

राजस्थान रै मध्यकालीन वीर महेसदास कूंपावत री अदभुत वीरता विषयक बात घणी चावी है पण आ बात कमती लोग जाणै कै जद मराठां मारवाड़ माथै हमलो कियो उण बगत महाराजा विजयसिंह सूं मारवाड़ रा केई मोटा सिरदार नाराज हा। दरबार नैं सूचना मिल़ी कै माधोजी सिंधिया आपरै दल़-बल़ सैती आयो है अर मेड़तै में उणरा डेरा है। दरबार डाफाचूक होयग्या। क्यूं कै सिंधियां री झाट झालणिया तो रूठोड़ा है अर दरबार उणांनैं किण मूंडै सूं आ सूचना देवै कै मारवाड़ आफत में है!

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मजदूर दिवस माथै मजदूर भायां नैं समर्पित

मजदूरां घर सदा दीवाल़ी।
मूंडै मुल़क सदा मतवाल़ी।।
लूखा टुक्कड़ कांदो ओलण
टंक कूट नैं कितरी टाल़ी।।
ताजो लावण ताजो पोवण
सोवै आंगण नींद घोराल़ी।।
अपणायत आगार अनोखा
झोखा दे मनवार सचाल़ी।।

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सुरा सप्तक

दारू री दिन रात, विदग्ग की बातां बाचो।
व्हालां दो बतल़ाय, एक गुण इणमें आछो।
सूखै कंठ सदाय, घूंट इक भरियां गैरो।
जाडी पड़ज्या जीब, चरित नै बदल़ै चैरो।
उदर में जल़न आंतड़ सड़ै, पड़ै नही पग पाधरो।
किण काज आज सैणां कहो, इण हाला नैं आदरो।।1[…]

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गढ में तो ऊभो बड़ियो हूं, सो आडो ई निकल़सूं

इण दिनां फेसबुक अर वाटस्एप माथै जोगीदास चारण अर महाराजा मानसिंह सूं संबंधित एक जोरदार कहाणी पढण नै मिल़ रैयी है। कुण लिखी आ तो ठाह नीं पण आगै सूं आगै धकावण में खासै ढंगरै मिनखां रा नाम पढिया। म्है उण सगल़ै लेखक मित्रां नैं बतावणी चावूं कै आप जिण जोगीदास नै चारण बता रैया हो बै पातावत राठौड़ हा। बात यूं है – जोधपुर माथै उण दिना अभयसिंहजी रो राज हो महाराजा रा हल थकिया अर लागण लागो कै अबै ओ शरीर कणै ई बरतीज सकै। जद उणां आपरै स्वामीभक्त अर विसवासी सिरदारां नैं बुलाय वचन लियो कै जे […]

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आऊवै धरणै रा महानायक अखोजी बारठ

मारवाड़ रै मध्यकालीन इतिहास में आऊवा रो चारण धरणो चावो है। मारवाड़ रै शासकां अर चारणां रा संबंध प्रगाढ रैया है पण जोगानजोग राजा उदयसिंह री बगत ऐ संबंध किणी गल़तफहमी रा शिकार होय बिगड़ग्या। उदयसिंह चारणां रा गांम जबत कर लिया। विरोध होयो। समझाइस होई पण राजा नीं मानियो। छेवट1643 वि. में चारणां आऊवै री आंटीली धरती माथै धरणो दियो।
आऊवो उण दिन ठाकुर गोपाल़दासजी चांपावत री जागीर रो एक गांम हो। राजा गोपाल़दासजी नैं कैवायो कै धरणो म्हारै खिलाफ है सो आप धरणो उठावो। नीतर हूं गांम खालसै कर दूंला।

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