करणी जी रो गीत

गीत – सपाखरु

वेदां वरन्नी आलोकां भेदां तुळज्जा तरन्नी बाळा,
रंगी शूळ तोकां ओकां भरन्नी रगत्त।
अधोकां राकेश शीश धरन्नी धरन्नी ईस,
सरन्नी त्रिलोकां नमो करन्नी शगत्त॥1॥

आभा निलै नूर छाजै नवीनां मयंक वाळी,
छीनां लंक वाळी वाजै घंटका छुद्राळ।
जुगां वाळी देहा री पै वेहा री अनुजा जयो,
मेहा री तनुजा जयो घंटाळी मुद्गाळ॥2॥

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खोडियार माताजी रो सपाखरु गीत – पुष्पेन्द्र जुगतावत

खोडियार माताजी रो सपाखरु गीत
(रचयिता: पुष्पेन्द्र जुगतावत, गाँव पारलाउ)

हंसावाहणी नमावौ शीश मां तणी आशिश हेर,
बेर अणी कुळांदेवी नमूं बार बार।
चारणां उबार मार पापियां तणा समूह
खळ दळ खपावणी खंग खोडियार॥1॥ […]

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जूझार हणूंवंतसिंह रोहड़िया सींथल़ रो सुजस

सीयां हमीरां सांगड़ां, मिल़ियै जाझै मांम
सांसण सीथल़ है सिरै, वीसासौ विसराम

महाकवि दुरसाजी आढा रो ओ दूहो सींथल़ री सांस्कृतिक विरासत, स्वाभिमान साहस अर टणकाई री टेक राखण री अखी आखड़ी रो साखिधर है। सींथल रा संस्थापक सांगड़जी रो पाटवी सपूत मूल़राज। मूलराज करनीजी रा अन्नय भक्त। करनीजी खुद सींथल़ पधारिया जद मूल़राजजीनै खुद आपरै हाथां सू जागा बताय कैयो कै आगै सूं अठै देवी री पूजा करजै आज उणी जागा करनीजी रो भव्य मंदिर है। इणी मूलराजजी री वंशज सींथल़ मे मूल़ा बाजै। मूल़राजजी री वंश परंमपरा मे पदमसिंह हुया अर इणां रै घरै हणुंवतसिंह रो जनम होयो। उण दिनां बीकानेर माथै महाराजा रतनसिह रो शासन हो, उणां रो एक मुलाजिम रिड़मलसर रो सिपाही मुसलमान हो। वो एक वार आपरी टुकड़ी साथै सींथल़ रुकियो। […]

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