स्वाभिमान और गौरव का बिंदु है जौहर

राजस्थान का नाम धारा-तीर्थ के रूप में विश्रूत रहा है। शौर्य और धैर्य का मणिकांचन संयोग कहीं देखने को मिलता था तो वो केवल यही धरती थी। ऐसे में कुछ सवाल उठते हैं कि फिर राजस्थान के रणबांकुरों को युद्ध में परास्त और यहां की वीरांगनाओं को जौहर की ज्वालाओं में क्यों झूलना(नहाना) पड़ा? क्या कारण था कि जिनकी असि-धाराओं के तेज मात्र से अरिदलों के हृदय कंपित हो उठते थे, उनको साका आयोजन करना पड़ता था?[…]
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