आज आवसी अंबिका
आज आवसी अंबिका, मन मंदिर रे मांझ।
हरखित हुय हुलसित फिरुं, मेहाई महराज।।२४८
आंगण आज बुहारियौ, आवै माजी आज।
जाजम लाल जमायदूं, मेहाई महराज।।२४९
कंचन कळस मंडाय दूं, गंगा जळ भरिया ज।
सामेळो सुंदर करुं, मेहाई महराज।।२५०
ढोली ढोल वजाडता, झालर वेळा आज।
जय जय गूंजै आपरी, मेहाई महराज।।२५१[…]