वैरी पर विकराल डोकरी!

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🍀दोहा🍀
सिंघ सजायो संकरी, थिरू त्रिसूला थम्भ।
डाढी वाळी डोकरी!, जय हो नित जगदंब।।१।।
सिंघ बिराजी सांभवी, असुर हणण उतबंग।
रे डाढाळी डोकरी!, रंग मेहाई! रंग।।२।।
खडग लियां कर खप्परा, शिवा त्रिशूलां संग।
वरदाई वाहर रहै, रंग मेहाई! रंग।।३।।
🍀गीत:सावझडो/गाहा चौसर🍀
थूं नवलख सरताज डोकरी!
थारै हाथां लाज डोकरी!
रीझै तो दे राज डोकरी!
खीज्यां छीनै ताज डोकरी!।।१।।
वित धन देवे वाज डोकरी!
खरचौ पांणी नाज डोकरी!
सदा भरै सुख साज डोकरी!
भय सब देणी भांज डोकरी!।।२।।
वंदन वड वसुधा ज डोकरी!
गंजण अरियां गाज डोकरी!
लोपी मैं कुळ लाज डोकरी!
तौ पण थूं री मां ज डोकरी!।।३।।
अबखी वेळां आज डोकरी!
मेहाई महाराज, ! डोकरी!
जबर फंसी है जाज डोकरी!
किणनैं दूं आवाज डोकरी!।।४।।
कूके जगडू शाह डोकरी!
दीसै कोई न राह डोकरी!
आगे समद अथाह डोकरी!
सिर पर रात सियाह डोकरी!।।५।।
गरजे मेघ घटाह डोकरी!
छतराळी कर छांह डोकरी!
करी उदधि बिच राह! डोकरी!
निज रो बिरद निबाह डोकरी!।।६।।
ग्रही बिसहथ बांह डोकरी!
मात बणी मल्लाह डोकरी!
जंगळधर पतशाह डोकरी!
वाह! करनला! वाह! डोकरी!।।७।।
सुत लाखण रे काज डोकरी!
जाय भिडी जमराज डोकरी!
कियौ अलौकिक काज डोकरी!
रंग! रंग! रिधूराज डोकरी!।।८।।
कोहला गिरि अधिराज डोकरी!
संग ले देव समाज डोकरी!
सातां दीप! बिराज डोकरी!
राजे मां! हिंगलाज डोकरी!।।९।।
सगत वड़ी संसार डोकरी!
करै गजब शिणगार डोकरी!
हेमाळो गळहार डोकरी!
श्री करनी किरतार डोकरी!।।१०।।
देशनोक मढ़ द्वार डोकरी!
रोज भरे दरबार डोकरी!
पालण पोखणहार डोकरी!
पाप प्रजाळणहार! डोकरी!।।११।।
नवखंड रही निहार डोकरी!
होय सिंह असवार डोकरी!
लेय हाथ तलवार! डोकरी!
लखनव झूलर लार!डोकरी!!।।१२।।
चंड मुंड संहार डोकरी!
करै दैत पर वार डोकरी!
हरो भोम रो भार डोकरी!
अंब करो उपकार डोकरी!।।१३।।
कान्है लोपी कार डोकरी!
करी आप सूं रार डोकरी!
बाघण बण तिणवार डोकरी!
दियो भेज जमद्वार डोकरी!।।१४।।
विपद विदारणहार डोकरी!
करै भगत! जयकार! डोकरी!
नमें थनें नर नार डोकरी!
खमा!खमा!खोडियार डोकरी!।।१५।।
कीनियाणी किरपाळ डोकरी!
बैठ’र जूनी जाळ डोकरी!
बणनै नैनी बाळ डोकरी!
पुरसै थाळ रसाळ डोकरी!।।१६।।
रहे बाल रखवाळ डोकरी!
प्रीत पुत्र सूं पाळ डोकरी!
काळ तणौ पण काळ डोकरी!
मां मोगल मछराळ डोकरी!।।१७।।
वहै हाथ लै व्याल डोकरी!
कसी हाथ किरमाल डोकरी!
डणकै डुंगर गाळ डोकरी!
वैरी पर विकराळ डोकरी!।।१८।।
पूगै जाय पयाळ डोकरी!
भरे आभ में फाळ डोकरी!
अंबा! आव उताळ डोकरी!
बाईं! करजै बाळ डोकरी!।।१९।।
बोलावै है बाळ डोकरी!
टाळ विघन ततकाळ डोकरी!
पुहमि री प्रतिपाळ डोकरी!
लाख रंग लटियाळ डोकरी!।।२०।।
खूबड़ मां! खोडियाळ डोकरी!
चामुंडा चिरताळ डोकरी!
वांकल! जीण! भुवाल डोकरी!
श्री बिरवड़ बिरदाळ डोकरी!।।२१।।
करडी पण करूणाळ डोकरी!
वेरै हरदम व्हाल डोकरी!
ओखा धर उजवाळ डोकरी!
दैत मार डाढाळ डोकरी!।।२२।।
भलो नींब तर भाळ डोकरी!
दीपै गोरवियाळ डोकरी!
धूप दीप अर माळ डोकरी!
धरूं लापसी थाळ डोकरी!।।२३।।
बणनें चील विहंग डोकरी!
आप बणी अवलंब डोकरी!
शेखे री सुख थंभ डोकरी!
करनल कृपा कदंब डोकरी!।।२४।।
छपन क्रोड चामंड डोकरी!
चौसठ जोगण संग डोकरी!
मझ चौरासी अंग डोकरी!
अड़े आभ उतबंग डोकरी!।।२५।।
जय आवड़ जगदंब! डोकरी!
भली मात भुजलंब डोकरी!
भेळा वणै भुजंग डोकरी!
ओढै लोवड अंग डोकरी!।।२६।।
जीत दिराणी जंग डोकरी!
सदा रेय शिशु संग डोकरी!
रंग मां आवड रंग डोकरी!
रोक्यौ जेण पतंग डोकरी!।।२७।।
थानक बाजै चंग डोकरी!
मादळ भेरी मृदंग डोकरी!
ध्रींगड ध्रींगड ध्रंग डोकरी!
सुण व्है आणंद अंग डोकरी!।।२८।।
सिध चारण मुनि संग डोकरी!
मानैं थनैं मलंग डोकरी!
गुणियल नीरमल गंग डोकरी!
रखे छोडती संग डोकरी!।।२९।।
आई रह अगवाण डोकरी!
नरपत है नादान डोकरी!
करजै मां कल्याण डोकरी!
वरदा दे वरदान डोकरी!।।३०।।
आन बान अर शान डोकरी!
सदा रखै कुळ मान डोकरी!
कविता री कलगान डोकरी!
वसू करै विद्वान डोकरी!।।३१।।
पींगळ छंद प्रमाण डोकरी!
डिंगळ रो दे दान डोकरी!
अलंकार दे आन डोकरी!
रस री कर थूं ल्हाण डोकरी!।।३२।।
महि बढावै मान डोकरी!
तूं सुर पंचम तान डोकरी!
गज़ल गीत दे गान डोकरी!
साम गान री वाण डोकरी!।।३३।।
बिसहथी मां बांण डोकरी!
बीसोतर कुळ भाण डोकरी!
बगसो छोरू जांण डोकरी!
अवगुण जांण अजांण डोकरी!।।३४।।
आंख्यां चंदो भांण डोकरी!
बाजै गगन निशाण डोकरी!
बैठी सिंघ पलाण डोकरी!
करुणानिधि किनियांण डोकरी!।।३५।।
दीपत मढ़ देशाण डोकरी!
धिन जंगळ धणियांण डोकरी!
थिर नेड़ीजी थांन डोकरी!
महि रो करै मथाण डोकरी!।।३६।।
मामडियाळी मात डोकरी!
सगत जगत साक्षात डोकरी!
हेलै हाजर हाथ डोकरी!
बाळक करवा बात डोकरी!।।३७।।
भैरव थारै भ्रात डोकरी!
चमर करै दिन रात डोकरी!
नवलख संग नवरात डोकरी!
रमै रास खुश थात डोकरी!।।३८।।
घुंघर घम घम थात डोकरी!
डम डम डाक बजात डोकरी!
मुदरै सुर में गात डोकरी!
लियां मुंड नर हाथ डोकरी!।।३९।।
पूजूं उठ प्रभात डोकरी!
अंब मात अवदात डोकरी!
टाळै तन री घात डोकरी!
वातां वसु विख्यात डोकरी!।।४०।।
हरपळ जोडूं हाथ डोकरी!
भर भगती रो भात डोकरी!
तात मात तूं भ्रात डोकरी!
सबळ निबळ रो साथ डोकरी!।।४१।।
गाई तव गुणगाथ डोकरी!
रीझौ! आईनाथ डोकरी!
प्रणमें नरपत पात डोकरी!
रख मम सिर पर हाथ डोकरी!।।४२।।
🌺दोहा🌺
वान विरद वरदायनी,दरस तिहारा देख।
मिटत भवो भव मिनख रा,लाखों भूंडा लेख॥
(स्तुति का प्रथम दोहा दलपत सिहजी मथानिया और अंतिम दोहा काल़ू सिंह जी गंगासरा का साभार) मां के श्री चरणों में।
©नरपत आसिया “वैतालिक”
बहुत सुंदर रचना
जय माँ करणी
जय मां करणी भवानी
श्री करणी सदा सहाय
असंभव को संभव करने वाली शक्ति
जय मां करणी
हुक्म आज वैरी पर विकराल डोकरी
जदे आज इये नो पढ़न बैठो तो लेकिन पढ़न रो तो बहानो ही हतो बाकी डोकरी इतो प्रसन्न कर दियो ओर इण ने गावण लाग गयो
मन रे मीन इती खुशी हुई पूछो भी मत वाकई में डोकरी रो चमत्कार हुओ मनो महसूस भी हुओं
डोकरी रो आशीर्वाद सदा यूं ही बन्यो रेवै सबों माथे
जय मां करणी माता
जय मां करणी
तू सब जग जाण है डोकरी!
दे सब तारी आण डोकरी!
सब योद्धा रो प्राण डोकरी!
रावण मार्यो बाण डोकरी!
बहुत ही सराहनीय, अर सुन्दर स्तुति हैं मां री ,अप्रतिम रचना करी हैं सा ,
जय माताजी
बहुत सुंदर रचना हुकम
भक्ति रस में में तल्लीन करनारी रचना
मां करनी आपको और प्रेरणा देवे!!!
में महीपाल रतनू
चाणकदानजी रतनू का पुत्र
ठिकाना देवरासन
गुजरात, मेहसाना
धन्यवाद! जय मां करनी!
इसका हिंदी में कहां से समझ सकते हैं
Jai ho nit jagdamb jai maa karni
Jai mata ji ki sa
अति सुंदरम लेखन — नरपत् सा
जय माँ करणी
Jai ho deshnok dhirani ki sa
करणी सदा सहायते जय माँ भवानी
करणी सदा सहायते
जय मां करणी
मां का गुणगान करते समय पाया कि मैं मेहाई के समीप हुं,
मन आनंदानुभव कर रहा है
बहुत सुंदर
जय माताजी!
Jai ho maa karni ri sa
बहुत ही सुंदर शब्दो में माँ करनी का बखान किया है जय हो माँ करनी जी की
धन्यवाद सा। जय मां करनी!
Jai maa karni
बहुत ही शानदार सा
Jai ma karni
In my dream I see karni mata
And I comes there
Jai maa karni