ईश आराधना
नखड़ै हिरणाख विडारण नागर सागर मे तजी सैज सजी
पहिल़ाद उबारण कारण पाधर भाल़ सुं आविय नाथ भजी
उण वेल़ धरा अर धूजिय अंबर थंब फटै नरसिंघ थयो
रघुनाथ घणा रँग तो बड राजन साजण देव सुमोख सयो १ […]
Charan Community Portal
नखड़ै हिरणाख विडारण नागर सागर मे तजी सैज सजी
पहिल़ाद उबारण कारण पाधर भाल़ सुं आविय नाथ भजी
उण वेल़ धरा अर धूजिय अंबर थंब फटै नरसिंघ थयो
रघुनाथ घणा रँग तो बड राजन साजण देव सुमोख सयो १ […]
भूंड रो ठीकरो
क्यूं फोड़ै है मिनख नाग रै माथै
नाग इतरो नुगरो नीं होवै!
जितरो अेै ,बोलण वाळा,बता रैया है
आपरै सुगरापणै रो डूरो बैचण सारू
थांनै तो ठाह है शायद
कै
नाग री राख सकां हां निगै
बच सका हां […]
अड़ो धड़ो
घड़ो भूंड रो बहू रै सिर पड़ो
आ बात कूड़ी नी है
जद जद ही फूटो है
भूंड रो ठीकरो अबल़ावां रै माथै ई छूटो है
तूटो है अबखायां रो भाखर
दल़िज्या है मूंग छाती माथै
उडिया है चरित्र रा चींथड़ा
तो इणा मे ई निकल़ी है […]
मत रोक कलम नै बैवण दे
तूं लुका छिपी नै रैवण दे
छंट ज्यावै बादल़ नफरत रा
अंतस नै साची कैवण दे
बह ज्यावै दरद कल़जै रो
अर होवै प्रीत री जीत
लिख आज कवि इसड़ो गीत १
फैल रयो मन घोर अंधारो
सूझै नहीं सबल़ कोई सा’रो […]
गुणसबदी
लाज बिहूणा बणिया, शासन रा सिरताज।
रीत आं तो इण देश री रेटी, खुद री मेटी खाज।।
दशा इण देश री देखो रे, लेवूं इण बात रो लेखो।।१
झूलिया फासी देखलो जोधा, वां री भूलिया बात।
सिटल़ां नै इम देयद्यो शासन, पोल मांही परभात।।२
बल़ गैडी रै बैठिया गादी, इण आजादी ओट।
जन हितां पर आंखियां जोवो, चवड़ै मारै चोट।।३[…]
गीत प्रहास साणोर
करी मुगलाण हिंदवाण संग जाल़ अकब्बर
सको दुनियाण रै साव सामै
कुटल़ मन राचनै अनीति कूड़ता
पह नह जिकण री खबर पामै १
जीत मन भरोसो छत्रियां जोर रो
तोर रो लियो उण देख तोरो
चोर जद भामण्यां दिसा मन चलायो
सोर बिन हलायो काम सोरो २ […]
सीयां हमीरां सांगड़ां, मिल़ियै जाझै मांम
सांसण सीथल़ है सिरै, वीसासौ विसराम
महाकवि दुरसाजी आढा रो ओ दूहो सींथल़ री सांस्कृतिक विरासत, स्वाभिमान साहस अर टणकाई री टेक राखण री अखी आखड़ी रो साखिधर है। सींथल रा संस्थापक सांगड़जी रो पाटवी सपूत मूल़राज। मूलराज करनीजी रा अन्नय भक्त। करनीजी खुद सींथल़ पधारिया जद मूल़राजजीनै खुद आपरै हाथां सू जागा बताय कैयो कै आगै सूं अठै देवी री पूजा करजै आज उणी जागा करनीजी रो भव्य मंदिर है। इणी मूलराजजी री वंशज सींथल़ मे मूल़ा बाजै। मूल़राजजी री वंश परंमपरा मे पदमसिंह हुया अर इणां रै घरै हणुंवतसिंह रो जनम होयो। उण दिनां बीकानेर माथै महाराजा रतनसिह रो शासन हो, उणां रो एक मुलाजिम रिड़मलसर रो सिपाही मुसलमान हो। वो एक वार आपरी टुकड़ी साथै सींथल़ रुकियो। […]
» Read moreकितरा म्हारा बदल़्या गांव
गंगाजल़ सा गदल़्या गांव
दूध दही री नदियां बैती
दारू सूं तर डूब्या गांव।
सल़िया सल़िया नेही होता
करै कुचरणी अल़िया गांव।
खुद री नींद सोवता उठता
अब तो है हांफल़िया गांव।
डीजै री ताकड़धिंग रीझै […]
भगवती चंदू रो जनम माड़वा (पोकरण) रै संढायच उदैजी दलावत रै घर मा अणंदू मिकस री कूख सूं उनीसवै शताब्दी रै पूर्वाद मे हुयो। अणंदूबाई ई गुडी रै पोकरणां रै अत्याचारां रै खिलाफ जंवर कर चारणां रै स्वाभिमा नै अखी राखियो। देवी चंदू रो ब्याव दासोड़ी रै रतनू रतनजी सूरदासोत रै साथै हुयो। उण दिनां पोकरण माथै सालमसिंह चांपावत रो अधिकार हो, सालमसिंह चांपावत, चांपावतां री ऊजल़ी परंमपरा रो निर्वाह नीं कर सक्यो, उण आप रै सलाहकारां री उल्टी सीख मानर माड़वा री कदीमी सीम नै उथाल़ण अर अखैसर ताल़ाब नै कब्जे मे करण सारू माड़वै रै अखैसर ताल़ाब तक आपरी सेना […]
» Read more।।छंद – सारसी।।
पीसण उथालण संत पाल़ण, भीर हालण भाणवां।
सालम सालण वसू वाल़ण, जग उजाल़ण जाणवा।
सेव्यां संभाल़ण चाड चालण, दुख दाल़ण दीसरी।
किरपाज सिंधू कर अणंदू आद चंदू ईसरी।।१[…]