म्है देता कै लेता ?

मेवाड़ रै महाराणा जगतसिंह जी रै भरियै दरबार में आय खारोड़ा (अमरकोट, सिंध) रा चारण नेतसी देथा अर खेतसी देथा महाराणा नैं मुजरो कियो अर अरज करी कै ‘म्हें तीन घोड़ा लाया हां।’ दरबार पूगतो सम्मान देय आपरै राजकवि रै समरूप सम्मानित खेमसूरजी सौदा सूं ओल़खाण कराई। खेमसूरजी मेवाड़ रै महाराणा रा मानीता कवि। हाथ में स्वर्ण जड़ित चुटियो राखै। कोई पण चारण उणांं सूं जंवारड़ा करण नैं हाथ आगो करतो तो खेमसूरजी आपरा हाथ नीं मिलाय र आपरी चुटियो उण चारण रै हाथ सूं लगायर आपरो मोटापणो दरसावता, अर चारण ई महाराणा रा मानैतड़ अर मोटा मिनख मानर आपरा हाथ चुटियै रै लगायर जंवारड़ां रो संतोष मानता।[…]
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