जीवतै नै बोला दियो ! तो किसी इचरज री?

महाराजा मानसिंह जोधपुर, आपरी बगत रा महामनस्वी अर उदार नरेश हा। बै जितरा वीर अर अडर हा उतरा ई स्वाभिमानी। जितरा सहज हा उतरा ई संवेदनशील। महाराजा रै खास अर विश्वासी लोगां जद उणां रै साथै विश्वासघात अर छल़ कपट करणो शुरु कियो तो उणां नै इण रो अणूंतो खेद होयो। ऐड़ै समय में बै घणी वेल़ा गुमसुम हो ज्यावता तो घणी वेल़ा अबोला बैठा रैवता। ऐड़ै संक्रमण काल़ में एकर उणां सूं मिलण खातर अंग्रेज़ी सरकार रो एल ची अकबर अली आयो। महाराजा पागलपण रो नाटक करतां थकां गुमशुम अर अबोला बैठा रैया। नी तो उणां अकबर अली सूं […]

» Read more

ओऱंगजेब रै अत्याचारां रै खिलाफ अड़णियो महावीर नरु सौदा

राजपूती शौर्य री प्रतीक रूपनगढ री राजकुंवरी आपरै जातिय गौरव नै अखंडित राखण अर स्त्री स्वाभिमान नै मंडित करण सारू ओरंगजेब रै आतंक सूं नी डरर निशंक उणनै वरण सूं मना कर दियो। उणनै उण बगत आखै रजवाड़ां में एक मात्र आशा रो दीप दीखतो हो, बो हो उदयपुर महाराणा राजसिंह। जिण भांत रुकमणी, किसन नै संदेशो मेलर परणण खातर कैवायो उणी गत इण वीरांगना रजवट नै निकलंक राखण खातर राणै राजसिंह नै स़देशो पूगायो। एकर तो राणो ई ओरंग रै बोहरंगै पणै सूं संकियो पण उणनै पूर्वजां री गीरबैजोग परंपरा याद आई। उणां आई सोची कै एक राजपूत बाल़ा […]

» Read more

गोगा गुणमाळा

।।छंद रेंणकी।।
आयो दळ उरड़ गजन रो इळ पर, मुरड़ दूठ हिंदवाण मही।
जबरा जोधार राखिया झुरड़ै, सबळ कितां नै दुरड़ सही।
कितरां नै मुरड़ खायग्यो किलमो, चुरड़ पीयग्यो रगत चठै
भारत रो रिछक गोग भड़ भिड़ियो, जंग छिड़ियो जिणवार जठै।।1[…]

» Read more

साहित्य सेवी अर देवी उपासक श्री मोरारदानजी सुरताणिया रै सम्मान में दूहा

आदरणीय साहित्य सेवी अर देवी उपासक श्री मोरारदानजी सुरताणिया रै सम्मान में कीं दूहा म्हारै कानी सूं भेंट

सत साहित री साधना, सकव करै सतकार।
स्नेह भाव सुरताणियो, मनसुध रखै मुरार।।१

करै साहित री केवटा, सरस ग्रहै मनसार।
सजन साच सुरताणियो, मनसुध रखै मुरार।।२

सैण सँवारै वैण सह, उर में प्रीत अपार।
सौ कोसां सुरणाणियो, नैड़ो लगै मुरार।।३ […]

» Read more

गीत सोहणो, शक्तिदानजी कविया (बिराई) रो

गीत सोहणो, शक्तिदानजी कविया (बिराई) रो गिरधरदान रतनू ‘दासोड़ी’ कृत

गोविंद सुतन बिराई गुणियण, सगत कवि कवियांण सिरै।
मोटा पात वरण सह मांनै, कीरत सारी धरण करै।।
कथिया विमळ कायब इम कवियै, कायम है सो बात कही।
जाझा मांण महि सह जांणै, सारद बगसी बांण सही।।
आगर गुण आखां अनुरागी, गाहक भागी साच गुणां।
पागी कवत्त डींगळा पूरो, सुरसत सागी सुवन सुणां।। […]

» Read more

काळिया के सोरठे

सोरठा
पैला वाल़ी प्रीत ,सबदां में सिमटी परी।
रजवट वाल़ी रीत ,कहण सुणण री काल़िया।।१

सजन बैठ सतसंग,निरमल़ मन कीधो नहीं।
गहर नाय नित गंग ,कारी लगै न काल़िया।।२

आदर रू अपमान,लिखदी विधना लीकड़ी
मनसुध साची मान,कुण लोपेला काल़िया।।३ […]

» Read more

गीत देश दसा रो

गीत प्रहास साणोर

देख देश री दसा नैं बिगाड़ी दुरजणां,फसादां करी नै मोज पावै।
रसा पर माजनो गमावै रसा रो,उणी नै देख नैं गसा आवै।।१

ऊजल़ा वेस रू बोल हद ऊजल़ा,गजब री कल़ा जन जोड़ गाटै।
मोकै रा मारणा कौल कर मारका,खल़ा हद वोट रा बोल खाटै।।२ […]

» Read more

गीत – जांगड़ो चंदू माऊ नै अरज

।।गीत  – जांगड़ो।।
मो मन रो सोच मेटजै माता, दादी आगल दाखूं।
हूं तो एक एकेलो हरदम, लारै जुलमी लाखूं।।१

आखूं कथ म्हारी किण आगै, तन लेवै सह टाल़ी।
साच धणी ऊदाई साभल़, पख पूगै झट पाल़ी।।२

सिरकै सिला तूझ सूं सांप्रत, मिटसी गिला मिहारी
दूजां विश्वास करूं न दिल में, थिर आसा इक थारी।।३[…]

» Read more

गीत चंदू माऊ नै अरज

प्रहास साणोर
सच साद तूं ऊदाई सांभल़ै सँतरी,जाणगर मरम री सरव जाणै।
शरम नै रखावण आवजै सहायक,ताकड़ो होफरी जोर ताणै।।१

डूबर्यो कवि दुख दधि में डोकरी,छोकरै तणै ओ साद छेलो।
विनासण विघन नै बावड़ै बीसहथ,हांमल़ी मावड़ी सांभ हेलो।।२ […]

» Read more

नर ग्या चढा वँश रै नीर

गीत वेलियो
पत री बह राह अपत नै परहर, सत री कह समझनै सार।
कूड़ी कथ त्याग भजै किरता, सो जन लेवै जनम सुधार।।१

हर रो नाम राख हिरदै में, गलवै मधुर उचारै गीत।
भल वै बज्या सांप्रत भाई, जो वै गया जमारो जीत।।२ […]

» Read more
1 43 44 45 46 47 50