संवेदनाओं के पर्याय महाकवि पृथ्वीराज राठौड़

आज राजस्थान और राजस्थानी जिन महान साहित्यकारों पर गौरव और गर्व करती है उनमें से अग्रपंक्ति का एक नाम हैं पृथ्वीराजजी राठौड़।
बीकानेर की साहित्यिक और सांस्कृतिक धरोहर के धोरी और धुरी थे पृथ्वीराजजी राठौड़। इसलिए तो महाकवि उदयराजजी उज्ज्वल लिखतें हैं-
नारायण नै नित्त, वाल्ही पीथल री धरा।
सुरसत लिछमी सत्थ, ऐथ सदा वासो उदय।।[…]