पुस्तक विमोचन, उत्कृष्ट सेवा एव साहित्य सम्मान समारोह

श्री केसरीसिह बारहठ चारण सेवा संस्थान के तत्वावधान में 31 अगस्त 2017 को मिनी ऑडिटोरियम सूचना केन्द्र जोधपुर में कवि गिरधर दान रतनू “दासोड़ी” लिखित पुस्तक “ढऴगी रातां ! बहगी बातां !” तथा जनकवि श्री वृजलाल जी कविया द्वारा रचित पुस्तक “विजय विनोद” के विमोचन का भव्य आयोजन हुआ। मंच पर अध्यक्ष के रूप में तकनीकी वि.वि. कोटा के डीन डॉ हाकमदानजी चारण, मुख्य अतिथि उच्च न्यायालय के न्यायाधिपति पुष्पेन्द्र सिंहजी भाटी, विशिष्ट अतिथि राजर्षि ठाकर नाहरसिंह जी जसोल, डिंगल़ के शिखर पुरुष श्रद्धेय डॉ शक्तिदानजी कविया, इतिहासज्ञ प्रो जहूर खां मेहर, डिंगल के दिग्गज कवि डूंगरदानजी आशिया, समालोचक व राजस्थानी के लोकप्रिय श्रेष्ठ कवि डॉ आईदानसिंह जी भाटी, लोकसाहित्य के मर्मज्ञ विद्वान डॉ सोहनदानजी चारण, राजस्थानी भाषा आंदोलन के पुरोधा लक्ष्मण दानजी कविया एवं डूंगर मा.वि.बीकानेर की राजस्थानी विभागाध्यक्ष डॉ प्रकाश अमरावत आसीन थे।
समारोह में उपस्थित महान साहित्यरत्नों एवं कवियों के उद्बोधन ने खचाखच भरे ऑडिटोरियम में श्रोताओं को अंत तक बांधे रखा। कार्यक्रम के विडियो देखने/सुनने के लिए निम्न लिंक पर क्लिक करें।
डा. आईदान सिंह भाटी का उद्बोधन
डा. प्रकाश अमरावत का पत्रवाचन - विजय विनोद
जनकवि श्री व्रजलाल जी कविया के पुत्र श्री गंगादान जी का उद्बोधन
डा. शक्तिदान जी कविया का उद्बोधन
कवि वीरेन्द्र जी लखावत द्वारा पत्रवाचन - ढऴगी रातां ! बहगी बातां !
समारोह की झलकियाँ निम्न फोटो स्लाइड में देख सकते हैं।
जय माता जी की हुक्म
चारण समाज ने लोगो का ही इतिहास लिखा है ।
लेकिन आप हैं जो इस कविवर साहित्यिक समाज का
लेख सँजो कर रख रहे है ।
।। जय इंद्रेश मां ।।
द्वितीय वर्ष गांठ की शुभकामनाएं।।।
आभार हुकम| जय माताजी की|