सहजता और संवेदना को अभिव्यंजित करती कहानियां।

राजस्थानी कहानियों की गति और गरिमा से मैं इतना परिचित नहीं हूं जितना कि मुझे होना चाहिए। इसका यह कतई आशय नहीं है कि मैं कहानियों के क्षेत्र में जो लेखक अपनी कलम की उर्जा साहित्यिक क्षेत्र में प्रदर्शित कर अपनी प्रज्ञा और प्रतिभा के बूते विशिष्ट छाप छोड़ रहे, सरस्वती पुत्रों की लेखनी की पैनी धार और असरदार शिल्प शैली से प्रभावित नहीं हुआ हूं अथवा उनके लेखन ने मेरे काळजे को स्पर्श न किया हो। निसंदेह किया है। इनकी कहानियों ने न केवल मेरे मर्म को स्पर्श किया है अपितु इनकी लेखन कला, भाषा की शुद्धता तथा भावाभिव्यक्ति के कारण इन लेखकों की एक अमिट छवि भी मेरे मानस पटल पर अंकित हो गई है।[…]
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