कांई ठा कांई होवेला

कांई ठा कांई होवेला
म्है थारै मूंडै री मीठी मुल़क
आंख्यां मे झरती अपणास
विश्वास रै बोलां पर
चमगूंगो सो, चितबगनो सो
उतरतो रैयो अजाणी
ढल़तोड़ी ढाल़ां पर
चढतो रैयौ ऊंचोड़ी पाल़ां पर
घालतो रैयो हींड लंफणां मे […]
Charan Community Portal
कांई ठा कांई होवेला
म्है थारै मूंडै री मीठी मुल़क
आंख्यां मे झरती अपणास
विश्वास रै बोलां पर
चमगूंगो सो, चितबगनो सो
उतरतो रैयो अजाणी
ढल़तोड़ी ढाल़ां पर
चढतो रैयौ ऊंचोड़ी पाल़ां पर
घालतो रैयो हींड लंफणां मे […]
मैं समुद्र की लहर, चंद्र की ज्योति,
पुष्प की गन्ध, अथक विश्वास
समय दर्पण हूँ मैं ||
चारण हूँ मैं ||
इतिहासों ने पढ़ा,
रसों ने जिसको गाया
तलवारों की छौहों ने,
जिसको दुलराया,
वही कलम का धनी,
ज्ञान का कारण हूँ मैं||
चारण हूँ मैं|| […]
सईकां लांबी
उण धा काळी रात रै सूटापै
सैचन्नण चांनणै
नाचण रै कोड सूं पग मांडिया ई हा
मादळ रओ आटौ थेपड़ियौ हौ आलौ कर
थाळी सारू डाकौ सोध्यौ हौ
के चांणचक म्हे-
आजादी रै मंगळ परभात
अमंगळ व्हैग्यौ ।