रुद्राष्टकम – हिम्मत सिंह कविया नोख

परणाम करूँ विभुव्यापक को ब्रह्म वेद सरूप उद्धारक को ।
निरवाण सरूप महा शिव को दिस ईशन के प्रभुधारक को ।।
थिरहो निज रूप गुणातित भेद नही मनसा कुछ भीतर में ।
नभ चेतन रूप सदा शिव शंकर ऐक अनादि चराचर में ।।
पट धारण अंबर आप करो शशि सूरज तेज उजाळक को ।
परणाम करूँ विभुव्यापक को ब्रह्म वेद सरूप उद्धारक को।।1[…]