बेटी-गिरधरदान रतनू दासोड़ी

बेटै सूं बेटी बती, आगै हुई अमाम।
गुणी लेवै घण गुमर सूं, निरणा ज्यांरा नाम।।१

बेटां वालां इण वसू, हिय पोमै हकनाक।
धर इण उपनी धीवड़ी, नमिया सुरगण नाक।।२

बेटां सूं बेटी बती, समजो सैण सुजाण।
पेखो हिमगर पामियो, महि बेटी सूं माण।।३ […]

» Read more

नवरूप नाम माल़ा

।।छंद – त्रिभंगी।।
आयल इल़ आई मामड़याई सातूं बाई सुरराई,
समंदर सुखाई उदर समाई संत सहाई सुखदाई।
पह माड पुजाई थान थपाई दुष्ट दबाई कीध दमै,
बीसांहथ वाल़ी बुड्ढी बाल़ी हेतव वाल़ी भीर हमै।।१।।[…]

» Read more

चारणां नै समर्पित एक डिंगल़ गीत

गीत-प्रहास साणोर

करो बात नै सार इम धार नै कवियणां,साचरी चारणां कोम संभल़ो।
भूत रे भरोसै रेवसो भरम मे, बगत री मांग रे साथ बदल़ो।।१

पढावो पूत रु धीवड़्यां प्रेम सूं, रीत धर चारणां जदै रैसी।
निडरपण उरां मे बहो मग नीत पर, कोम री कीरती जगत कैसी।।२

सजो इक धार ने संगठन साबता, भूल सूं बुरी मत बात भाल़ो।
समै रै सामनै सजो मजबूत मन, टेम सूं करो मत आंख टाल़ो।।३[…]

» Read more

अम्बा-अष्टक

लाख असी चव जोणिय मांझल जाणिय मानव श्रेष्ठ जमारो।
धीर विवेक तुला पर तोल अमोल सतोल सुबोल उचारो।
तारण या भवसागर सों गजराज न दीखत और सहारो।
बार हि बार उचार अलौकिक अम्ब सुनाम उबारण वारो।।1।।[…]

» Read more

गीत सोहणो

।।गीत सोहणो।।
ओ सच की देख जमानो आयो, जो मिनखां तो मून झली।
सून मिल़ी चवड़ै सिटल़ां नै, भू विटल़ां री बात भली।।१

मिनखाचार रखै सो मूरख, गेडछाप अह बजै गुणी।
पितलज जिकै पूजीजै पेखो, सतवाद्यां री काट सुणी।।२

बहुमत हुवो बापड़ो बेखो, बल़ बाहू नै लोग वदै।
बुध बल़ री बात करै बावल़िया, कावल़िया लठ गिणै कदै।।३[…]

» Read more

जंभेसर जस

।।छंद – रेंणकी।।
परमारां कोम भोम पींपासर, काट पाप निकल़ंक करी।
घणनामी रीझ आय लोहट घर, धर उण पावन देह धरी।
हंसा री गोद रम्यो कर हर हर, भू तर तर विसवास भयो
जगदीसर रूप नमो जग जाहर, जंभेसर गुरु नाम जयो।।१[…]

» Read more

रंग रे दुहा रंग

भाव कथे हर भाख में,उर रा घणे उमंग।
कवि सुरसत कंठाभरण,रंग रे दुहा रंग॥1

ब्रज भासा डिंगळ तथा,गुर्जर भासा गंग।
उत्तर भारत रा अजब,दुहा छंद ने रंग॥2

नवरस री नव कल्पना,सरस उकति रे संग।
कल्पक रा कविता कथन,रंग रे दुहा रंग॥3 […]

» Read more

टेलगिरीजी रा छंद

१९ वें सईके रै पूर्वार्द्ध में टेलगिरीजी महाराज हुया। दसनामी संप्रदाय रै बाबै टेलगिरीजी दासोड़ी में तपस्या करी। बाबै रै केई चमत्कारां री बातां लोक में प्रचलित है। बाबै दासोड़ी गांव में जीवित समाधि लीनी। बाबै रै लोक प्रचलित चमत्कारां माथै एक सांगोपांग किताब लिखी जा सकै। दासोड़ी अर आसै- पासै रै इलाके में बाबै रै प्रति घणी आस्था है। घणै समय पैला म्है एक छंद रचियो। हालांकि ओ छंद प्रकाशित है पण आपरी सेवा में इण खातर मेल रैयो हूं कै टेलगिरीजीै जैड़ै त्यागी अर तपस्वी रै नाम सूं आपरी ओल़खाण हो सकै- […]

» Read more

पाबू-प्रभा

।।छंद-त्रिभंगी।।
केसर नखराळी, अस वा काळी, जींद निहाळी, जोराळी।
आयो हठियाळी, बैय उंताळी, मांगी जाळी, मतवाळी।।
मीसण मछराळी, रूठ रढाळी, नहीं संभाळी, गल सारी।
पाबू पणधारी, भू पर भारी, वीरत थारी, बळिहारी।।1
सतवट बातां, धर सारी।।[…]

» Read more

श्री करनी विजय स्तुति – श्री जोगीदान जी कविया सेवापुरा

।।छन्द त्रोटक।।

करणी तव पुत्र प्रणाम करै
धरि मस्तक पावन ध्यान धरै
कलिकाल महाविकराल समै
बिन आश्रय हा तव बाल भ्रमै।१।

हम छोड़ चुके अब इष्ट हहा,
रिपु घोर अरष्टि अनिष्ट रहा।
पथ भ्रष्ट हुये जग माँहि फिरैं
घन आपत्ति के नभ भाग्य घिरैं।२। […]

» Read more
1 4 5 6 7 8