साम्हो लड़्यो शैतान

बाणासर री वीर भू, मरटधारी नर मान।
दीठो जग सह दाखलो, सांप्रत जदु शैतान!!1
पाधर पग रोप्या सुपह, सज धर राखण शान।
चीन -हीण दल़ चींथिया, सज रण सूर शैतान।।2
आडा नित उतराध रै, जाडा धिन जदुरान।
एकर कथ पाछी अवस, साच करी शैतान!!3
आडा रह्या कपाट इम, अरि दल़ थँभण अचान।
पुनि कहावत रोप पग, सच रण रचि शैतान!!4[…]