भूंड

अड़ो धड़ो
घड़ो भूंड रो बहू रै सिर पड़ो
आ बात कूड़ी नी है
जद जद ही फूटो है
भूंड रो ठीकरो अबल़ावां रै माथै ई छूटो है
तूटो है अबखायां रो भाखर
दल़िज्या है मूंग छाती माथै
उडिया है चरित्र रा चींथड़ा
तो इणा मे ई निकल़ी है […]

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लिख आज कवि कोई इसड़ो गीत

मत रोक कलम नै बैवण दे
तूं लुका छिपी नै रैवण दे
छंट ज्यावै बादल़ नफरत रा
अंतस नै साची कैवण दे
बह ज्यावै दरद कल़जै रो
अर होवै प्रीत री जीत
लिख आज कवि इसड़ो गीत १

फैल रयो मन घोर अंधारो
सूझै नहीं सबल़ कोई सा’रो […]

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देश दशा

गुणसबदी
लाज बिहूणा बणिया, शासन रा सिरताज।
रीत आं तो इण देश री रेटी, खुद री मेटी खाज।।
दशा इण देश री देखो रे, लेवूं इण बात रो लेखो।।१
झूलिया फासी देखलो जोधा, वां री भूलिया बात।
सिटल़ां नै इम देयद्यो शासन, पोल मांही परभात।।२
बल़ गैडी रै बैठिया गादी, इण आजादी ओट।
जन हितां पर आंखियां जोवो, चवड़ै मारै चोट।।३[…]

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गीत महाशक्ति राजबाई रो

गीत प्रहास साणोर

करी मुगलाण हिंदवाण संग जाल़ अकब्बर
सको दुनियाण रै साव सामै
कुटल़ मन राचनै अनीति कूड़ता
पह नह जिकण री खबर पामै १

जीत मन भरोसो छत्रियां जोर रो
तोर रो लियो उण देख तोरो
चोर जद भामण्यां दिसा मन चलायो
सोर बिन हलायो काम सोरो २ […]

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जूझार हणूंवंतसिंह रोहड़िया सींथल़ रो सुजस

सीयां हमीरां सांगड़ां, मिल़ियै जाझै मांम
सांसण सीथल़ है सिरै, वीसासौ विसराम

महाकवि दुरसाजी आढा रो ओ दूहो सींथल़ री सांस्कृतिक विरासत, स्वाभिमान साहस अर टणकाई री टेक राखण री अखी आखड़ी रो साखिधर है। सींथल रा संस्थापक सांगड़जी रो पाटवी सपूत मूल़राज। मूलराज करनीजी रा अन्नय भक्त। करनीजी खुद सींथल़ पधारिया जद मूल़राजजीनै खुद आपरै हाथां सू जागा बताय कैयो कै आगै सूं अठै देवी री पूजा करजै आज उणी जागा करनीजी रो भव्य मंदिर है। इणी मूलराजजी री वंशज सींथल़ मे मूल़ा बाजै। मूल़राजजी री वंश परंमपरा मे पदमसिंह हुया अर इणां रै घरै हणुंवतसिंह रो जनम होयो। उण दिनां बीकानेर माथै महाराजा रतनसिह रो शासन हो, उणां रो एक मुलाजिम रिड़मलसर रो सिपाही मुसलमान हो। वो एक वार आपरी टुकड़ी साथै सींथल़ रुकियो। […]

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कितरा म्हारा बदल़्या गांव

कितरा म्हारा बदल़्या गांव
गंगाजल़ सा गदल़्या गांव
दूध दही री नदियां बैती
दारू सूं तर डूब्या गांव।
सल़िया सल़िया नेही होता
करै कुचरणी अल़िया गांव।
खुद री नींद सोवता उठता
अब तो है हांफल़िया गांव।
डीजै री ताकड़धिंग रीझै […]

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धिन चंदू राखी धरा-1

भगवती चंदू रो जनम माड़वा (पोकरण) रै संढायच उदैजी दलावत रै घर मा अणंदू मिकस री कूख सूं उनीसवै शताब्दी रै पूर्वाद मे हुयो। अणंदूबाई ई गुडी रै पोकरणां रै अत्याचारां रै खिलाफ जंवर कर चारणां रै स्वाभिमा नै अखी राखियो।  देवी चंदू रो ब्याव दासोड़ी रै रतनू रतनजी सूरदासोत रै साथै हुयो। उण दिनां पोकरण माथै सालमसिंह चांपावत रो अधिकार हो, सालमसिंह चांपावत, चांपावतां री ऊजल़ी परंमपरा रो निर्वाह नीं कर सक्यो, उण आप रै सलाहकारां री उल्टी सीख मानर माड़वा री कदीमी सीम नै उथाल़ण अर अखैसर ताल़ाब नै कब्जे मे करण सारू माड़वै रै अखैसर ताल़ाब तक आपरी सेना […]

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चंदू माजी रा छंद

।।छंद – सारसी।।
पीसण उथालण संत पाल़ण, भीर हालण भाणवां।
सालम सालण वसू वाल़ण, जग उजाल़ण जाणवा।
सेव्यां संभाल़ण चाड चालण, दुख दाल़ण दीसरी।
किरपाज सिंधू कर अणंदू आद चंदू ईसरी।।१[…]

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गीत जैसलमेर रो

माड अर्थात जैसलमेर रो पुराणो नाम। इणी माड रै पावन मगरियां माथै लोकदेवी आवड़ रास रमी अर दुष्टां रो दमन कियो।इणी धरा माथै महाभड़ भोजराज भाटी होयो जिण री वीरता वंदनाजोग। उण रो विरद “आडा किंवाड़ उतराद रा भाटी झेलण भार।” इणी धरा रो सपूत महावीर सालिवाहण होयो जिण कवि श्रेष्ठ बांझराज रतनू नैं इक्कीस गांवां सूं सिरुवो दियो। इणी भोम रो महाभड़ दूदा होयो जिणरै विषय में आ बात चावी है कै कविवर्य हूंफै रै सतोला शब्द सुण र कटियै माथै कवि नै दाद देय कविता री कूंत करी। इण धरा रा सपूत रतनसिंह, मूल़राज राजपूती शौर्य रा प्रतीक […]

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आवड़ आराधना रो गीत

।।गीत त्रिकुटबंध।।
अनुपम्म तन धिन आवड़ा,
महि अवतरी घर मामड़ा,
भावड़ा सुधमन देख भगती, सगत रूपां सात।
जयो सगत जूनी जोगणी,
भल जगत ख्यातां तो भणी
विपत मचियण पात वचियण।
गुणण रचियण गीत गुणियण।
जणण जपियण सयल़ जण जण।
करत कवियण साद सुणियण।
संकट भंजियण बहै सचियण।
सजण आसण सिघ सोहण।
चढण जोगण चसण चखियण।
करण अरियण कोप कण कण। हितू सिर रख हाथ।। १[…]

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