बहू ढक्यां परिवार ढकीजै

च्यारां कानी धमा-धम बाजै। हेलाहेल कर्यां ई कोई नै सिवाय बीं धमचक रै कीं नीं सुणीजै। भयंकर तावड़ै में बळती चामड़ी पर पसीनो भी भाप बण’र उडज्यावै। अैड़ै-छेड़ै हेल्यां ई हेल्यां। कठै ई कोई खाली जाग्यां रो नाम ई कोनी। हरखियो बोल्यो भाइड़ा ईं शहर री गळ्यां-गूंचळ्यां में तो इत्ता फेर है कै आदमी तो कांई बापड़ी हवा नै ई गेलो कोनी मिलै। ईं वास्तै ई अठै इत्ती गरमी है। हरखियै री बात सुण’र अेकर सी सगळा मजदूरड़ा हँस्या पण ठेकेदार नैं आंवतो देख’र कीं बोल्यां बिनां ईं पाछा आप आपरो काम सळटावण में पिल पड़्या। ठेकेदार रो नांम भगवानो हो। बो बात रो पक्को अर खानदानी आदमी हो। ईं खातर बो फालतू री बाखाजाबड़ पसंद नीं करतो। बो तो सगळां नै आ ई कै राखी है कै जित्तो काम करो बित्ता दाम लेवो। काम नहीं तो दाम नहीं।[…]

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गद्दार तुम्हारी खैर नहीँ जो हमसे पंगा मोल लिया

मानव होकर जो पशुओं का चारा तक खा जाते हैं,
नेकी को नाचीज़ समझकर दूर बिठाकर आते हैं,
जिनके दिल से संवेदन के तारों का संपर्क कटा,
जो लाचारों की आहों पर सेंक रोटियां खाते हैं।

इस धरती पर आने वाले वहीँ लौटकर जाएंगे,
गाड़ी, बंगले, सोना, चांदी पीछे ही रह जाएंगे,
विकलांगों की वैशाखी से काला माल कमाने वाले,
तेरी कब्र खोदने हम सब बिना मजूरी आएंगे।[…]

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इण आजादी री इज्जत नैं, म्हे राजस्थान्यां राखी है

प्रमाण अलेखूं पुख्ता है,
इतिहास जिकण रो साखी है।
इण आजादी री इज्जत नैं,
म्हे राजस्थान्यां राखी है।।

म्हैं इतिहासां में बांच्योड़ी,
साचकली बात बताऊं हूं।
घटना दर घटना भारत रै,
गौरव री गाथ सुणाऊं हूं।
इण गौरवगाथा रै पानां में,
सोनलिया आखर म्हारा है।
कटतोड़ा माथा, धड़ लड़ता,
बख्तर अर पाखर म्हारा है।[…]

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थूं म्हारो अरमान लाडेसर

थूं म्हारो अरमान लाडेसर,
मान सकै तो मान लाडेसर।
म्हारो तन, मन, जीवण थूं ही,
थूं है म्हारी ज्यान लाडेसर।।

मायड़ समझ आँख रो तारो,
तुझ पर व्है कुरबान लाडेसर।
बूढापै बाबल री लाठी,
बतळावै विद्वान लाडेसर।।

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लाडली

आस तणो आधार लाडली
सैणां रो संसार लाडली
मरजादा री असली मूरत
पत-समदर पतवार लाडली।
तूं गणगौर दिवाळी दिपती
तीज तणो त्योहार लाडली।
प्रीत नीत परतीत परस्पर
रीत तणी रखवार लाडली।
ऊंचो सीस जिहास जिगर में
है सब थारै लार लाडली।[…]

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गज़ल: उधारे आंसुओं का भार

उधारे आंसुओं का भार तुम कब तक उठाओगे,
उसूलों से अदावत को कहो कैसे निभाओगे।

किसी के गमजदा किस्से दिलों से निकलती आहें,
अगर सुन भी तनिक लोगे तो हँसना भूल जाओगे।

निभाना है निभालो तुम अभी दस्तूर रोने का,
हकीकत सामने आई कि रोना भूल जाओगे।[…]

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छप्पय

।।छप्पय।।
सब सेणां रै साथ, प्रात उठ दरसण पाऊं।
मात चरण में माथ, नेम सूं नित्त नमाऊं।
सुरसत देवै सुमत, कुमत मेटै किनियाणी।
जुगती सबदां जोड़, उरां उकती उपजाणी।
जगदम्ब कृपा रै जबर बल, पंगु पहाड़ां पूगियो।
कर जोड़ नमन गजराज कर, आज भाण भल ऊगियो।[…]

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सुकवी गजदान सुणावै रे

सब सज्जनां मन होय सौराई, दुष्ट दौराई दूरै।
भेळप-संप रखै सब भाई, प्रेम भलाई पूरै।
(तो) सुकवी गजदान सुणावै रे, चित चारण वो दिन चावै।। 01।।

हर घर माँहीं हेत-हथायाँ, कुटिल मितायाँ कड़खै।
अणहद माण मिलै घर आयाँ, रंच न जायां रड़कै।
(तो) सुकवी गजदान सुणावै रे, चित चारण वो दिन चावै।। 02।।[…]

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नमो जुड़दै नाम

सुण मोदी सरकार, सुणो तो दरद सुणावां।
मुलक आजादी मांय, क्यूं न आजाद कहावां।
रहां भोम रजथान, मान-मरजाद न मोड़़ां।
हरदम रह हद मांय, जस्स रा आखर जोड़ां।।
मदद कर्यां गुण मानस्यां, अदद अेक अरदास है।
गजराज कहै मोदी गुणो, (म्हानैं) थांसूं अणहद आस है।। 01।।[…]

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भोर भई अब जाग जीव तू

भोर भई अब जाग जीव तू, आदीतो अम्बर आयो।
अरुण-किरण उठ आभै आई, हर पंछी मन हरसायो।।
चहकत द्वार चारु चिड़कलियां, कलियां चटकत सुख चायो।
गलियां महकत गुल-सोरम सूं, अलिसुत रलियां हित आयो।।
हिमकर उतर तजी असवारी, हिरणी रो मन हरसायो।
दधिसुत खिलत छूटियो अलिसुत, कौमुदसुत मन कुमलायो।।
नव किसलय निरखत सुख निपजै, दरखत-दरखत सरसायो।
सीतल-मन्द-सुगंध समीरण, घर-घर बांटन को आयो।।[…]

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