अंतस रा आखर

बात उण टेम री है जद म्हारी बाई (माताजी) आज सूं डेढ साल प्हैली अजुवाळी चवदस रा देशणोक म्हारै नानाणां सूं आप रा दूजा संगी साथी अर संबंधियों रे साथै देशणोक दरसण करवा रवाना हुवी। उण टेम म्है एक दूहौ मन में बणायौ के
ओरण माणस ऊमड्या, फेरी देवा काज।
आयी चवदस आपरी, मेहाई महराज।।
औ दूहौ बणियौ जद म्है औ सोचियौ के इण तरे रा चौथा चरण वाळा दोहा आज तांई किणी नी बणाया है। अर मौलिक चरण री वजह सूं अगर कोशिश करी जाय तो नामी फूटरा दूहा बण सके। इण रे बाद मां भगवती मेहाई री किरपा सूं एक पछै एक दुहा बणता गिया। म्है ऐ दुहा म्हारा सोसियल मिडिया रा ग्रुप “डिंगळ री डणकार” अर “थार थळी” मैं लगातार एक पछै एक पोस्ट करतौ रियौ।[…]
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