शिव वंदना का भाव-काळिया रा सोरठा
शंकर री कर सेव,जटी, धुरजटी, गंग- धर।
वडो विभु महादेव,कर हर समरण काळिया॥131
परसु-धरण पिनाक,भाल-ससी , भव, भूतपत ।
कापालिक, कर- डाक,कर हर समरण काळिया॥132
नमन करो नटराज,पति नगराज- सुता, परम।
सकल दियण सुख साज,कुण है शिव बिन काळिया॥133 […]