शहीदां नैं चढा दिया थूक रा फगत दो आंसू

ओ कांई!! सदैव री गत
गादड़िया कद बड़ग्या
सिंघां री थाहर में?
मोत रै रूप!
आपां नैं ठाह ई नीं लागो!
सागैड़ी बात है भाईड़ां!
आपां तो अबकै ई
पीठ में छुरो खाय
भारत रै लालां रो

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कद ऊगेला थोर में हाथ ?

म्है जद-जद ई
करिया करतो चिड़बोथिया
टाबरपणै री भोल़प में
म्हारी बैनां सूं।
म्हारी आल़ रै पाण
जद टपकता हा
उणां री आंख्यां सूं
टप टप टप
आंसू मोतीड़ा बण।
उणां रै इण
आंसूड़ां माथै पसीज
म्हारी मा
कैया करती ही कै
तूं मत किया कर
गैलायां![…]

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दीकरा – गज़ल

तूं तो ग्यो परदेस दीकरा।
सूनो करग्यो नेस दीकरा।।
कदै आय पाती विलमाती।
अब बदल़्यो परिवेस दीकरा।।
गया ठामडा भाज दीकरा!
रांधूं कीकर आज दीकरा!
छाछ मांगनै करूं राबड़ी
नहीं घरां पण नाज दीकरा!

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