सजधज हालां,घूमर घाला

सजधज हालां, घूमर घाला, ले रिपियां री थेली।
बैठौ साजण सेठ बजारां, आव सखी! अलबेली।।

हेली हालों भाल़वा, बैठौ कुण बजार।
चख डंडी मन पालडै, जोखै नेह जँवार।।
जोखै नेह जँवार, करै नी बिलकुल धोखो।
बालम रो व्यवहार, चातुरी भरियौ चोखो।
मोठ बाजरी मूंग, बांटतौ भर भर थेली।
किं रूपियां रो काम, हेरतां देसी हेली।।
मन रो भोल़ो, हेत हबोल़ो, फिकर मती कर गैली!
बैठौ साजण सेठ बजारां, आव सखी! अलबेली।।१

» Read more

बरसी काळी बादळी

बरसी काळी बादळी, हरसी धरा अनंत।
दरसी हरियल ओढणे, सुंदर सी गुणवंत॥
सुंदरसी गुणवंत, गोरडी सज धज बैठी।
आभा जेण अनंत, सरस नरपत मन पैठी।
हरियल भाखर तणी, कंचुकि धारण करसी।
धरती आभा पीव, काज जद बादळ बरसी॥

» Read more