दीपै वारां देस, ज्यारां साहित जगमगै (एक) – डॉ. रेवंत दान बारहट

…राजस्थानी भाषा के इन युवा कवियों के बीच एक नौजवान और प्रगतिशील कविता की उभरती हुई बुलंद आवाज है-तेजस मुंगेरिया की।
यथा नाम तथा गुण। गिरधर दान जी के शब्दों में कहूं तो ‘बीज की बाजरी ‘ अर्थात बहुत ही अनमोल।
तेजस मुंगेरिया राजस्थानी कविता और खासकर डिंगल की उस प्राचीन विशिष्ट काव्य शैली का भरोसेमंद नाम है।…
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