फेसबुक्क अर वाट्सअेप

फेसबुक्क अर वाट्सअेप रा फंडा अजब निराळा है।
वाह, चाह रै दो मिणियां री, आ वैजन्ती माळा है।
इण माळा रो इक-इक मिणियों, अणबींध्यो सो मोती हैं।
हर मोती री दिप-दिप करती, अेक जगामग ज्योती है।
ज्योती आ जगमगती जग में, अंधारै सूं आज अड़ी।
इणसूं अड़तां अंधारै री, जड़ ऊंडोड़ी उखड़ पड़ी। […]

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आपाणी मायड़ भाषा सोशल मीडिया पर छायगी

आज रे मायड भाषा पेज दैनिक युग पक्स में छपियौडो डिंगळ री डणकार रे बारे में म्हारौ इन्टरव्यू। सगळा हेताळुवां रो आभार जिका इण ग्रुप ने एक सार्थक ग्रुप बणायौ है। आभार खास कर आदरणीय डा गजादान सा शक्तिसुत, आदरणीय गिरधर सा रतनू दासोडी, आदरणीय नवल जी जोशी, आदरणीय मोहन सिंह जी रतनू, आदरणीय राजेन्द्र स्वर्णकार साहब, आदरणीय चंदन सिंहजी भाटी, आदरणीय मोरारदान जी सुरताणिया, आदरणीय मनोज सा मीसण अर दूजा सारां सदस्य मित्र, सुभ चिंतकां रो पण आभार। सारां आदर जोग सदस्यां रो पण अंतस रे ऊंडाण सूं आभार। — नरपत आसिया “वैतालिक” […]

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हर मा नै समर्पित – कुण जामण री होड करै

।।छंद-रे़णकी।।
राखै नव मास उदर मँझ रक्षा,
सास सास हद कष्ट सहै।
सींचै तन वेल रगत सूं सांप्रत,
रीझ जिणी पर मुदित रहै।
खीजै नहीं, भाव भरण नित खम्या,
ध्यान आप सूं अधक धरै।
थिगती जिण देह अडग कर थामण,
कुण जामण री होड करै।।1[…]

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डिंगल़

सुंदर मायड भासा डिंगल़।
जीवण री परिभासा डिंगल़।।१
बातां ख्यातां गीत वेलियाँ,
रामत कामड रासा डिंगल़।।२
सूर ,सती संतां री वाणी,
जिण री साँस उछासा डिंगल़।।३
घणी उडीकां अर ओल़ूमय,
रचिया बारहमासा डिंगल़।।४ […]

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दो मिसरों का ग्रन्थ

नयन नेह रो मानसर, आँसु फल मुक्ताह|
झुर झुर जीवूं राज कज,हंस आव चुगवाह|

नैण अखाडै नेह री, धुंणीं धखती जोर|
सांझ बपोरां भोर,निरखौ आयर नाथजी||

मन री हूं करस्यूं मढी,तन री धूंणी ताप|
नैण अखाडै नाथ आ,पंड रा मेटौ पाप|| […]

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तत्व ज्ञान – कवि भंवर दान जी झणकली

अवल शब्द ॐ कार सूं रची काया अलख ।
सोहम मन मोह सूं रची स्वासा ।
स्वास् सूं सोहम कर ॐ ओउम् कर सोहँ सो ।
ॐ सूं सब्द ररंकार आसा ।।[…]

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जिण नैं मिलियो जय जंगल़धर पातसाह रो विरद

बीकानेर रो जूनो नाम जांगल अथवा जंगल। जद १५४५ में महावीर वीकै आपरै नाम सूं नगर थापियो तद सूं इण रो नाम बीकानेर।इण धरा रै सपूत राव जैतसी कामरान रा कांधा भांग कीरत लीनी। इणी जैतसी रै पोतै महाराजा रायसिंह आपरी उदारता रै पाण उण कवेसरां रै घरै हाथी बंधा दिया जिणां रै घरै बकरी बंधण रा सराजाम नीं हा। कवि रंगरेला वीठू रै सबदां में- रायसिंघ नां जच्चियो पाधर रो पतसाह। जिण घर अजा न बंधती सो गजबंध कियाह।। इणी रायसिंह रै सूरसिंह अर सूरसिंह रा बेटा हा कर्णसिंह। वि.सं.१६८८ सूं १७२६ तक राज कियो। महान वीर, स्वाभिमानी, साहसी, […]

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वाह घोडा वाह – कवि दुला भाया “काग”

गीत सपाखरू
छूटा ग्राहबे वोम बछूटा रोकता धराका छेडा
उठाहबे पागा महि शोभता अथोग
धाहबे खगेश तके वेगरा अथाह धख्या
साहबे नाखता पागा नटव्वा अमोध (1)

डाबला मांडतां धरा धमंके साबधी दणी
झमंके साजहीं कोटे रंभरा झकोळ
चमके वाहसे जाणी वीजळी जालदा चळी
भ्रम्मवाळा भारे ठाळा गतिवाळा मोर (2) […]

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चारणों के विभिन्न ऑनलाइन ग्रुप (Websites, Facebook, WhatsApp, Twitter इत्यादि)

सभी एडमिन बंधुओं से निवेदन है कि चारणों से सम्बंधित अपने फेसबुक/व्हाट्सएप ग्रुप/पेज या वेबसाइट को इस लिस्ट में जुडवाने के लिए अपनी डिटेल्स admin@charans.org पर ईमेल करें| WhatsApp Groups **मोबाइल नंबर जानने के लिए admin@charans.org पर मेल द्वारा संपर्क करें। यदि आप अपना मोबाइल नम्बर यहाँ परमानेंट दिखाना चाहते हें तो ग्रुप एडमिन उक्त मेल पर अपनी सहमती दें। Facebook Groups/Pages Note: Only those groups / pages are eligible which are publicly visible and have at least 500 members or likes. www.charans.org (Group) / www.charans.org (Page) Old Boys Association Charan Hostel Udaipur अखिल भारतीय चारण दर्पण Charan Group (Admin Shri […]

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प्रेमहि के नहिं जाति रु पांतिहु – चाळकदान रतनू ‘मोड़ी चारणान’

प्रेमहि के नहिं जाति रु पांतिहु, प्रेमहि के दिन राति न पेखो।
प्रेमहि के नहिं जंत्र रु मंत्रपि, प्रेमहि के नहिं तंत्र परेखो।
प्रेमहि के नहिं रंग रु रूपहि, प्रेम के रंक न भूप नरेखो।
प्रेमहि को अद्भुत्त प्रकार स लोह रु पारस सों लख लेखो।। […]

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