वैरी पर विकराल डोकरी!

🍀गीत:सावझडो/गाहा चौसर🍀
थूं नवलख सरताज डोकरी!
थारै हाथां लाज डोकरी!
रीझै तो दे राज डोकरी!
खीज्यां छीनै ताज डोकरी!।।१।।
अबखी वेल़ां आज डोकरी!
मेहाई महाराज डोकरी!
देवै वित धन वाज डोकरी!
खरचौ पांणी नाज डोकरी!।।२।।[…]
Charan Community Portal
🍀गीत:सावझडो/गाहा चौसर🍀
थूं नवलख सरताज डोकरी!
थारै हाथां लाज डोकरी!
रीझै तो दे राज डोकरी!
खीज्यां छीनै ताज डोकरी!।।१।।
अबखी वेल़ां आज डोकरी!
मेहाई महाराज डोकरी!
देवै वित धन वाज डोकरी!
खरचौ पांणी नाज डोकरी!।।२।।[…]
।।गीत – साणोर।।
उरड़ उण तार बिच बार करती ईदग।
बीसहथ लारली कार बगती।।
आंकड़े अखूं आधार इक आपरो।
सांकड़े सहायक धार सगती।।[…]
।।छद – भुजंगी।।
नमो हींगल़ा मात प्रख्यात नामी।
पुणा मातरी ख्यात नै कूण पामी।।
रसा देवियां देव सिर्ताज राजै।
भणै जाप प्राणी तणा पाप भाजै।।१।।
मही थान बीलोचिसथान मंडै।
खमा कोपियां केवियां सीस खंडै।।
वसू वीदगां जात चित्तार आई।
अगै धार ओतार हजार आई।।२।।[…]
।।छंद गयामालती।।
माड़वो गामां माड मोटो, अवन सांसण ऊजल़ी।
भलियै तणी थिर देख भगती, निजर हिंगल़ा निरमल़ी।
पह सँढायच कियो पावन, आय जिण घर अवतरी।
दातार देवल दिपै दुणियर, वसू कीरत विसतरी।
माँ वसू सोरम विसतरी।।5
जाल़ियां जूनी रमी जोगण, मगरियां भर मोद म़े।
कर बाप व्हाली रखी कंवरी, गढव निसदिन गोद में।
धर सोढ दादो हुवो धिन-धिन, भाव सूं अंकां भरी।
दातार देवल दिपै दुणियर, वसू कीरत विसतरी।
माँ वसू सोरम विसतरी।।6[…]
।।गुणसबदी।।
पख लीनी पहळाद री पाधर, दैत रो गाळण दंभ।
नरहरि बण नीकळयो नांमी, खांमद फाड़ण नैं खंब।
नमो थारी लीला न्यारी रे, सकै कुण पूग संसारी।।१
प्रेम सूं कीर सुणावतो प्रागळ, गोविन्द री गुणमाळ।
मोचिया पाप गणिका रा माधव, सुणती बैठ संभाळ।
नमो थारी लीला न्यारी रे, सकै कुण पूग संसारी।।२[…]
बना सा री मदील मिजाज करै छै।
सिया निरखत मोद भरै छै, रघुवर री मदील मिजाज करै छै।।
सबहि सहेल्यां चढत महल में, सबहि झरोकाँ झुकै छै।
या छबि देखी राम बना री, चंदा री ज्योत छिपै छै।।
बना सा री मदील……………
।।छंद त्रिभंगी।।
भोमे वरसंता अंबर भरता, अजर जरंता अकलंता।
जम रा जीपंता आप अजीता, अरि दळ जीता अवधूता।
उनमना रहंता लै लावंता, पांचूं इन्द्री पालंता।
माछंदर पुत्ता जोग जुगत्ता, जागै गोरख जग सुता।।1।।[…]
।।छंद नाराच।।
भयांण तेह जांण गेह, रूप नेह रच्चये।
सुरा सलेह मन्न मेह, पनंगेह परच्चये।
तईम तेह सेह जेह, गेह गेह गल्लऐ।
गुणै गहीर सूर धीर, खेत वीर खिल्लऐ।।1।।[…]
सस्वर सुनने के लिए उपरोक्त विडियो लिंक पर क्लिक करें
हे चारणी सुख कारणी ब्रह्मचारणी आई सरण।
सच्चिदानंद सारदा मंगळमयी मणमूं चरण।।1।।[…]
।।छंद – रेणकी।।
सर सर पर सधर अमर तर अनसर,करकर वरधर मेल करै।
हरिहर सुर अवर अछर अति मनहर, भर भर अति उर हरख भरै
निरखत नर प्रवर प्रवरगण निरझर, निकट मुकुट सिर सवर नमै।
घण रव पर फरर धरर पद घुघर, रंगभर सुंदर श्याम रमै।।[…]