गीत जैसलमेर रो

माड अर्थात जैसलमेर रो पुराणो नाम। इणी माड रै पावन मगरियां माथै लोकदेवी आवड़ रास रमी अर दुष्टां रो दमन कियो।इणी धरा माथै महाभड़ भोजराज भाटी होयो जिण री वीरता वंदनाजोग। उण रो विरद “आडा किंवाड़ उतराद रा भाटी झेलण भार।” इणी धरा रो सपूत महावीर सालिवाहण होयो जिण कवि श्रेष्ठ बांझराज रतनू नैं इक्कीस गांवां सूं सिरुवो दियो। इणी भोम रो महाभड़ दूदा होयो जिणरै विषय में आ बात चावी है कै कविवर्य हूंफै रै सतोला शब्द सुण र कटियै माथै कवि नै दाद देय कविता री कूंत करी। इण धरा रा सपूत रतनसिंह, मूल़राज राजपूती शौर्य रा प्रतीक […]
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