दो गजलां

पैला वाल़ा भाव कठै बै।
सबरी बोरां चाव कठै बै।।
राम आपरो स्वारथ भाल़ै।
नेह परखणा चाव कठै बै।।
रोप्या हा तो रोप जाणिया।
अंगद वाल़ा पाव कठै बै।।
Charan Community Portal
पैला वाल़ा भाव कठै बै।
सबरी बोरां चाव कठै बै।।
राम आपरो स्वारथ भाल़ै।
नेह परखणा चाव कठै बै।।
रोप्या हा तो रोप जाणिया।
अंगद वाल़ा पाव कठै बै।।
गरमी भीसण गजबरी,सिरपर रखिये साल।
छक कर पीवो छाछने,रखिये साथ रुमाल।।१
गरमी भीसण गजबरी, खाणी अलप खूराक।
पाणी ज्यादा पीवणो, छोड दिराणी छाक।।२
गरमी भीसण गजबरी,खाणा नित खरबूज।
खस खस मिसरी खोपरा,ताजा फल तरबूज।।३
तावडा ज्यूं क्यूं तपौ हो आकरा,
ज्वारडा! खम्मा घणी ओ ठाकरां!
बाजरी रो एक कण दीधा बिनां,
बोरियां भर बांटिया क्यूं काकरा!
छाल़ियां द्यो आज चरवा सीम में,
काल ले लिजौ भलां दुय बाकरा||
॥छन्द जात झुलणा॥
अनादी वखत सूं तुमारी आस पर, जला कर अटल विश्वास जोती।
मरुधरा वासीयां कष्ट मोटा आया, पेट बांधे पढी पोथी।
ग्वाळ गोपाळ रा गीत गाया उठे, आज क्यां धेन माता उदासी।
आफती निवारण आवजो ईश, जगदीश वर तुम्हारी पेट जासी,
ए प्रभु पेट पाल्यां बिना पेठ जासी ॥१॥ […]
उठै मन में भाव बीरा!
कलम कागद लाव बीरा!
दूर बैठौ पोल़ में क्यूं,
आव घर में आव बीरा!
करे संको मती मन में,
सहज दे प्रतिभाव बीरा!
तान लय री छेड नें थूं,
गीत गज़लां गाव बीरा!
भाव है मोटौ ठिकाणौ, […]
हाल मनवा! दूर अनहद देस; चालां,
ले कमंडल, प्हैर भगवौ भेस; चालां।।१
चिट्ठीयां नी डाकियौ नी है कबूतर,
तोई कुण भेजे रियौ संदेश; चालां।।२
बाट में रूकणौ बटाऊ ठीक है पण,
पंथ री दूरी लखै हम्मेश; चालां।।३
छाछ, बाटी, राबडी रो स्वाद लेवा,
गांव, ढांणी, झूंपडी के नेस; चालां।।४ […]
લાગો મને નટવરથી નેડો…
લાગો મારે નટવરથી નેડો,
કે હવે મેં તો શિર નાખ્યો છેડો રે; -ટેક
કે સહુ મળી ને મુજને વારી,
કે અટકી મન વૃતિ મારી,
કે ધણી મેં તો ધાર્યા ગિરિધારી રે,-લાગો
કે શું મતલબ મારે કોઇ સાથે,
કે મહેણું મારે મોહન નું માથે,
કે હરિવરે મુંને ઝાલી હાથે રે, -લાગો
जींदगी रा गीत री पंक्ति घणी है|
वां सबां में आध इक म्है गणगणी है|
आज भाल़ी बाट तो औ ठा पडी के,
जिंदगाणी थां बिना लंबी घणी है||
बे विपद रा भाखरां ने काट देवै,
हाथ जिण रे धैर्य री हीराकणी है||
पावतां ही परस निरमल डील होवै,
प्रेम अर प्रियतम उभय पारस मणी है|| […]
।।गीत सपाखरौ।।
दैवलौक सुं उतरी एला, हीसती वाजींद दैख ।
धायौ खींची जींधराव, मीशणा रा द्वार।
हैवरी रै मौल रौकङा, धाम्या कै हजार ।
एहंगा नाकार सुणै रूठियौ अपार……. 1 […]
🌸छंद अडिल्ल🌸
विमल देह वाणी ब्रह्माणी,
सादर आव अठै सुर राणी।
लय छंदों री करवा ल्हाणी,
वसौ कंठ मां वीणा पाणी।।१ […]