सरस्वती आह्वाहन – हिम्मत कविया नोख

।।छंद रोमकन्द।।

शशि पूनम री धवली किरणों जिम सेत सजी उजला तु गिरा।
कर में कछपी मुख वेद उचारण की छबि माँ छन दास दिरा।।
जिण सूं जयदायिनि बीस भुजायिनि अंतस रो तम मो हरदे।
वरदे वरदायिनि बीन बजायिनि शारद आखर सुंदर दे।।1।।

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बारहमासा – भाव नगर कविराज पिंगल शी पाता भाई नरेला

।।छंद त्रिभंगी।।

आषाढ ऊच्चारं, मेघ मलारं, बनी बहारं जलधारं।
दादुर डकारं, मयुर पुकारं, सरिता सारं विस्तारं।
ना लही संभारं, प्यास अपारं, नंद कुमारं निरधारी।
कहे राधे प्यारी, मैं बलिहारी, गौकुळ आवो गीरधारी !!

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महाराणा प्रताप रौ जस – कवि स्व. भँवरदान जी वीठू “मधुकर” (झणकली)

उतर दियौ उदीयाण दिन पलट्यौ पल़टी दूणी।
पातल़ थंभ प्रमाण़ शैल गुफावा संचरीयौ।

मिल़ीयौ मैध मला़र मुगला री लशकर माय।
कलपै राज कुमार मैहला़ चालौ मावड़ी।

महल रजै महाराण कन्दरावा डैरा किया।
पौढण सैज पाखांण हिन्दुवां सुरज हालीया।

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प्रताप पच्चीसी

।।दूहा।।
मुरदा सूता माल़ियां,अकबर वाल़ी ओट।
पौरस धरियो पातलै,कर झूंपड़ियां कोट।।1
धरा केक दे धीवड़्यां,दीन केक बण दास।
आतप मुगलां आपियो,भल़हल़ पातल भास।.2
वसुधा देयर बेटियां,धुर राखी चितधार।
ज्या़ंरो जग म़ें जोयलो,लधै न नाम लिगार।।3

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मोगल पचीशी – जोगीदान गढवी (चडीया)

||छंद – भुजंगप्रयात||
नमौ चारणी तारणी पाय तोळे,
कहो मां खमां तो कळोयांय कोळे
हजी हाजरा तुं हजूरीय हामी,
नमो मौंगलंम्मा नमामी नमामी..||02||

हरे चित्त चिंता विघन्नो विनासे,
अखिलेशरी आवियो ऐज आसे
डणंकी रीपु ने दीयो मात डामी,
नमो मौंगलंम्मा नमामी नमामी..||03||[…]

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भलै काम रो अंत भलो – गीत सोहणो

||गीत सोहणो||

मनवा तूं दर पिछतावो मत कर
भलै काम रो अंत भलो
खूटल कर खोटा खुट जासी
चेत हेत री राह चलो
अंतस राख उसूल अटूटा
खुल़िया खूंटां मती खसै
अवसरवाद जाण मत आछो
धोल़ां नाही धूड़ धसै […]

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फेसबुक्क अर वाट्सअेप

फेसबुक्क अर वाट्सअेप रा फंडा अजब निराळा है।
वाह, चाह रै दो मिणियां री, आ वैजन्ती माळा है।
इण माळा रो इक-इक मिणियों, अणबींध्यो सो मोती हैं।
हर मोती री दिप-दिप करती, अेक जगामग ज्योती है।
ज्योती आ जगमगती जग में, अंधारै सूं आज अड़ी।
इणसूं अड़तां अंधारै री, जड़ ऊंडोड़ी उखड़ पड़ी। […]

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भ्रमरावली – वंश भास्कर

करकि करकि कोप तरकि तरकि तोप,
लरकि लरकि लोप करन लगी।
करखि करखि कत्ति परखि परखि पत्ति,
हरखि हरखि सत्ति हरन लगी।
समर लखन आय अमर गगन छाय,
भ्रमर सुमन भाय निकर जुरे।
सरजि सरजि सोक लरजि लरजि लोक,
बरजि बरजि ओक दिगन दुरे।।1।। […]

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दो गजलां – आंधी अर बादल़ा

मुरधर रमवा आवै आंधी।
बल़-कल़ आप बतावै आंधी।
फूस बुहारी करै फूठरी।
थल़ रो रूप सजावै आंधी।।
थल़ियां -थल़ियां हीमत देखण।
तीर! रावड़िया बावै आंधी।।
धूड़ गैंतूल़ा चहुंदिस करिया
निरमल़ नभ में छावै आंधी।। […]

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रतनू भारमल री वात – ठा. नाहर सिंह जसोल संकलित पुस्तक “चारणौं री बातां” सूं

मारवाड़ में अेक परगनो, मालांणी। पैहलां मालांणी नांम सूं जगचावो ओ परगनो आज बाड़मेर परगना रै नांम सूं ओळखीजै। मालांणी री इण धरती ऊपर केतांन सूरमा, संत अनैं सतियां अवतरित होया। मलीनाथ, धारूजी, रूपां-दे अर ईसरदासजी जैहड़ा म्होटा संत, जैतमालजी अर वीरमदेजी जैहड़ा लांठा जोधार, अर दांनी, रांणी भटियांणीजी जेहड़ी चमत्कारिक सती पण इणीज धरती ऊपर होया।
राव सीहोज संवत 1212 में कनोज सूं मारवाड़ कांनी आय सबसूं पैहलां पाली ढ़ाबी। आस्थांन खेड़ रयो अर आठमी पीढ़ी में राव सळखोजी रा म्होबी दीकरा मलीनाथजी पाट बैठा। […]

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