आवाहण गीत
गोखां गिरनार हुंत गज गामण,
कामणराय आप शिव कामण,
जवाळामुखी आव जग जामण
संकट हरण महा सुर सामण॥1॥
धवळ गिरे सौधे धिणयाणी.
सिहलदीप हूंतां सूर राणी
कामरु देश कमख्य कहाणी
करि छोरु उपर किनीयाणी ॥2 […]
Charan Community Portal
गोखां गिरनार हुंत गज गामण,
कामणराय आप शिव कामण,
जवाळामुखी आव जग जामण
संकट हरण महा सुर सामण॥1॥
धवळ गिरे सौधे धिणयाणी.
सिहलदीप हूंतां सूर राणी
कामरु देश कमख्य कहाणी
करि छोरु उपर किनीयाणी ॥2 […]
आई मोगल चालीसा
(कवि परताप री कही)
जगदंबा जगदीशरी, मोगल मोरी मात।
भव भय हरणी अंबिका, समपी तौने जात॥1॥
देवी चारण जात री, जग पुजाती बाइ।
ओखा धर उजवाळवा, मोगल प्रगटी आइ॥2॥
आद भवानी इशरी, प्रगटी जिण दन वार।
भगतां रो मंगळ हुओ, जग मांहि जयकार॥3॥ […]
शंकर री कर सेव,जटी, धुरजटी, गंग- धर।
वडो विभु महादेव,कर हर समरण काळिया॥131
परसु-धरण पिनाक,भाल-ससी , भव, भूतपत ।
कापालिक, कर- डाक,कर हर समरण काळिया॥132
नमन करो नटराज,पति नगराज- सुता, परम।
सकल दियण सुख साज,कुण है शिव बिन काळिया॥133 […]
🌹सूर्य वंदना के भाव के🌹
वंदन कर विख्यात,जगत तात जगदीस ने।
प्हेली ऊठर प्रात,काछप सुत भज काळिया।111
अवनी भरण उजास,नह चूके नित ऊगणौ।
सदा- रथिन् सपतास,काछप सुत भज काळिया॥112
भास्कर आदित भांण, मित्र मिहिर मार्तंड वळ।
करवा जग कल्यांण,कायम ऊगै काळिया॥113 […]
अवनी नभ पातळ और नही कछु, पाणि पवन्न हुता न पृथी।
सब शुन्न चराचर सृष्टि सृजि, सुभ, कारण-पाळण हार कथी।
लख शुन्न सु शुन्न दियां रु लियां लवलेश नही घटियो लखियो ।
खमकार करो खपराळिय खोडल, याद करे तव बाळकियो॥1 […]
हेलो सुणै हमेश,मामा थूं रहजे मदत।
वळे न चहूं विशेष,करजै इतरो काळिया॥71
तन सिंदूरी तेल,बळे चढावूं बाकरा।
छाक धरूंला छेल,कर किरपा अब काळिया॥72
लाखां दाखां लार, राखां नाखां तज लवँग।
तिण रो मद है त्यार,कहूं छाक ले काल़िया॥73 […]
दूहा
सिंवर सिंवर रसणा थकी अम्बे करी अबेर।
दुविधा मेटण दास री सगत आव चढ़ शेर।
छंद-सवैया
मामड़ियाल डस्यो अहि मैर को,जैर को होय सक्यो नहीं जारण।
आवड़ ऊगत आण दरायके ,भाण पे लोवड़ को पट डारण।
पाय पीयूष दियो झट लाय’र है निज भ्रात जीवारण।
आज हमारीय बैर इति करणादेय देर करी केहि कारण।।।1।। […]
छंद भुजंगी
तुही आदि अन्नादि वाणी विधाता।
तुंही रिध्धि सिद्धि नवेनिध्धि दाता।
वदे क्रोड तैतीस सुरं वरेची।
नमो चंडिका रुप चाळक्कनेची॥1
कळा चंद्र ज्योति झळेळे कपाळं।
वळे कुंडळं कान शोभंत माळं।
धरे शूल पाणं कृपाणं धरेची।
नमो चंडिका रुप चाळक्कनेची।2 […]
छंद : छप्पय
आवड,खोडल आव, आव मोंगल मछराळी।
मात आव मेलडी,जाग ज्वाळा डाढाळी।
अंबा ,करनल आव,आव बहचर बिरदाळी।
हाली आव हिंगोळ,गैल , राजल , महाकाळी।
समरथ सकळ नव लख शगत,चौरासी सह चारणाँ।
उपरां देवी आवो अवस ,सेवग काज सुधारणाँ॥1[…]
दोहा।
तारण कुळ चारण तणो,उगारण तुं आइ।
मारण महिषासुर री,दुनिया पर दरसाइ॥1
छंद दुरमिल
खळ जोर खळावण भै अळसावण,शर्ण उगारण तुं शगति।
हियमें हरखावण,अम्रत लावण,भाव उपावण तुं भगति।
मनरोग मटावण शोक शमावण जोग दिपावण तुं जबरी।
कुळतारण काज सुधारण कारण खोडल चारण देव खरी॥1 […]