आंखड़ियांह देखां पदम

बीकानेर रो इतियास पढां तो एक नाम आपांरै साम्हीं आवै जिको वीरता, अडरता, उदारता, री प्रतिमूरत निगै आवै। वो नाम है महाराज पदमसिंहजी रो। पदमसिंहजी जितरा वीर उतरा ई गंभीर तो उतरा ई लोकप्रिय। किणी कवि कह्यो है–
सेल त्रभागो झालियां, मूंछां वांकड़ियांह।
आंखड़ियांह देखां पदम, सुखयारथ घड़ियांह।।
पछै प्रश्न उठै कै इण त्रिवेणी संगम री साक्षात प्रतिमा मुगलां रै अधीन कै उणांरो हमगीर क्यूं रह्यो?[…]
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