संतो! वरे भाव री हेली!

संतो! वरे भाव री हेली!
तनडो भींज्यों मनडो भींज्यों, हरी हुई हिव वेली!
खल़कै खाल़ा, वहता व्हाल़ा, भरिया नद सरवरिया!
कोई उलीचै भर भर खोबा, डूबाणा केई तरिया!
बडी बडी झड़ लगी जोर री, नेवै धरो तपेली!
संतो वरे भाव री हेली!
तनडो भींज्यो मनडो भीज्यो हरी हुई हिव वेली![…]