गाय दूय’र गिंडकां ने न्हाकी – सेणीदान देपावत
नानी सी’क कहाणी
एक गाँव, गाँव में दसवीं तक रो इसकूल, इसकूल में तीन सौ टाबर पढणने आवै। हेडमास्टर समेत इग्यारे मास्टर जका टाबरां ने हेत अर लगन साथे पढाई करावे।
इसकूल रे साथेई गांव में पटवार-घर अर पंचायत-भवन भी हुया करै है। पटवारी अर गाँव सचिव आपूआप रा काम करै अर इसकूल रा मासटर आपरो।
गाँव रा लोग पटवारी अर गाँव सचिव रो तो आदर माण करे क्यां के आ हूं हरेक रो काम पड़े, काम भलाईं पईसा देर कराओ।
मासटरां सूं तो कोई ढंग सूं रामा सामाई नी करै। केई बिगड़ेल तो बदली करावण री धमकी देवता दीख ज्यावै।
पटवारी अर गाम सेवग रे घरे तो गांव आळा साग दूध अर सांठा पोंचावताई रेवै।
कोई छोरो खेत सूं तोड़’र लीला चणा कणेई केई मासटर खातर लेई आवै, तो गांव पूरे में हाको हुज्यावै के मासटर तो मंगतापणो करण लागग्या।
अठीने पटवारी अर गाँव सचिव मीटिंग राखे तो गांव सिगळो भेळो हुज्यावै बठीने पंधरा अगस्त रो इसकूल रो निमंत्रण पायर ई गिणती रा लोग तैवार रे दिन इसकूल में आवै।
सिगळा आपूआप रे काम में लाग्योड़ा रेया, मासटरां ने ठा हो के मोवन एक ऐड़ो छोरो है, जको बोरड री मेरिट में आय’र गाँव रो अर इसकूल रो नाम कर सकै। बै मोवन माथे पूरो ध्यान देवण लागग्या। मोवन दिन रात पढाई में लागग्यो।
टेम निकळतो ग्यो, आखिर बा टेम आई बोरड रा इमतान हुया, मोवन रा परचा सागेड़ा हुया।
अबे रिजल्ट आयो तो मोवन रो राजसथान बोरड री मेरट में दूजो नम्बर आयो। इसकूल रा सिगळा लोग घणा राजी हुया, मिठाई बांटी।
दूजे दिन अखबार में मोवन अर बींरे गाँव रो नाम मोटे मोटे आखरां में मंड्यो।
दो पत्रकार बीं गाम में पूग्या सिगळे गाँव रा लोग इसकूल में भेळा हुया।
पत्रकार गाँव रा लोगां ने पूछ्यो, थारे गाँव रे इसकूल रो छोरो मोवन दसवीं किलास री बोरड री मेरट में राजसथान भर में दूजा नम्बर माथे आ’र थांरे गाँव रो नाम राजस्थान में चावौ कर दियो आ बात थांने कैड़ीक लागे?
इतो सुणतांई गाँव रा लोग हेडमास्टर रे पगां लाग’र केयो, सा आ म्हारे आं गुरूजनां री मैरबानी अर आशीर्वाद है, के म्हारे गाँव रो छोरो राजस्थान भर में दूजा नंबर माथे आय’र म्हारे गाँव रो नाम राजस्थान में चावो कर दियो।
म्हे सिगळा गाँव रा लोग आप गुरुजना सूं हाथ जोड़’र माफी मांगां हां। म्हे कदेई आपरो ढंग हूं आदर माण नी कर्यो दूजा करमचार्यां आगे बिछता रैया। म्हे तो इता दिन गाय दूय’र गिण्डकां नेई नाखी।
~~सेणीदान देपावत