भगू पारस भेट

यूं तो साख (रिश्ता, रक्त-संबंध) सोनो अर प्रीत पीतल़ मानीजै। इण विषय में ओ कैताणो चावो है- ‘साख सोनो अर प्रीत पीतल़।’ आ ई बात देवकरणजी बारठ ईंदोकली आपरी रचना ‘साख-प्रीत समादा’ में कैयी है–
साख कहै सुण प्रीत सयाणी,
लड़तां थनै न आवै लाज।
सोनो साख प्रीत पीतल सुण,
इल़ पर चलै कहावत आज।।
साख रो ओ ओल़भो सुण’र प्रीत जिको पड़ुत्तर दियो उवै उल्लेखणजोग है-[…]
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