भैरव नाथ रो छंद – जयसिंह सिंहढायच, मंदा, राजसमंद

।।छंद – त्रिभंगी।।
मामा मतवाल़ा, गोरा काल़ा, लाज रूखाल़ा, लटियाल़ा।
कायम किरपाल़ा, भीम भुजाल़ा,विरद विलाल़ा,विरदाल़ा।
जोगेस जटाल़ा, मन मुदराल़ा, आभ उजाल़ा,भाण समो।
जय जय जग सामी, अमर अमामी ,नामी भैरव नाथ नमो।।१
जिय भेल़े भैरव भ्रात नमो।।[…]