म्हूं तो मन माने ज्यूं राचूं

म्हूं तो मन मानें ज्यूं राचूं।
साँवरियो बण कागद लिख द्यूं, मीरां ह्वै फिर बांचूं।
कदे वेदना हँस हँस गाऊ, कदे खुशी में रोऊं।
मनोभाव मणिमुकता माल़ा, जोडूं तोडूं प्रोऊं।
लडियां कडियां आँच अनुभव, कर कर कुंदन जांचूं।
म्हूं तो मन मानें ज्यूं राचूं।
साँवरियो बण कागद लिख द्यूं, मीरां ह्वै फिर बांचूं।[…]

» Read more

संतो! वरे भाव री हेली!

संतो! वरे भाव री हेली!
तनडो भींज्यों मनडो भींज्यों, हरी हुई हिव वेली!
खल़कै खाल़ा, वहता व्हाल़ा, भरिया नद सरवरिया!
कोई उलीचै भर भर खोबा, डूबाणा केई तरिया!
बडी बडी झड़ लगी जोर री, नेवै धरो तपेली!
संतो वरे भाव री हेली!
तनडो भींज्यो मनडो भीज्यो हरी हुई हिव वेली![…]

» Read more

कविता की ताकत

मोरबी जहाँ से मैने इंजनीयरिंग करी थी उस पर बनाई हुई रचना । इस रचना के पीछे एक कहानी जुडी हुई है मेरा चार साल का इंजनीयरिंग छह साल तक लंबा हो गया और उस पर सेवन्थ सेमेस्टर में मेरे ए टी के.टी एक सबजेक्ट में आई। जिसकी वजह से एट्थ सेमेस्टर के बाद भी मुझे एक महिना और रुकना पडा। जब फेयरवेल के फंक्शन में मुझे किसी ने पूछा कि मोरबी के बारे में आपका क्या खयाल है तो यह रचना उसके जवाब में मैंने सुनाई यह कहकर कि हालात बदल जाते है तो खयालात अपने आप बदल जाते है। […]

» Read more

कासा थामें चला कलंदर

कासा थामे चला कलंदर!
चौखट गाँव गली दर घर घर!
सहरा, जंगल, परबत, बस्ती,
गाहे गाहे मंज़र मंज़र!
बाहर बाहर दिखै भिखारी,
भीतर भीतर शाह सिकंदर!
रेत कौडियाँ गौहर मछली
अपने भीतर लिए समंदर![…]

» Read more

म्हूं सबद-ब्रहम रो चेलो

म्हूं सबद -ब्रह्म रो चेलो!
सबद रीझतौ, सबद खीझतौ, मिल्यौ गुरू अलबेलो!
सबद नाथ रे कुम कुम चोखा, धरूं भाव रस भरिया,
सबद अमीणी राधा मीरां, सबद सखी साँवरिया,
नवधा भगति करूं आप री, सुणो सबदजी हेलो!
म्हूं सबद ब्रह्म रो चेलो![…]

» Read more

सात रंग रा सरनामा – गज़ल

सात रंग रा सरनामा रो बादल़ कागद!
धरती नें रामा सामा रो बादल़ कागद!
बूंद पडै जद झिर मिर झिर मिर शबद उकलता,
विरह दगध अबल़ा वामा रो बादल़ कागद!
प्रीत, विरह, उच्छब आँसू, सपना, अर यादां,
अणगिणिया कितरा गामां रो बादल़ कागद![…]

» Read more

जोगी – गज़ल

बैठौ आसन मारे जोगी!
किणनें आप चितारे जोगी!
चिलम फूंक नें धुँवौ उडाडै,
फिकर नहीं है वा!रे!जोगी!
अनहद ने बध बध आलापे,
पल़ पल़ सांझ सवारे जोगी!
अजब गजब रो रूप बणायो,
अंग भभूत लगा रे जोगी!

» Read more

क्रोड नमन किरमाल़

खल़ पर खीजै खार कर, खय करवा खुंखार।
भय हरणी रण रंजणी, तनें नमन तलवार।।१
अशरणशरणी अंबिका, हुई सदा रह हाथ।
रे!रणचंडी रीझजै, मनसुध नामूं माथ।।२
धावड बण बिच ध्रागडै, सूरां रखै संभाल़।
रणचंडी! खंडी खल़ां, , करूं नमन किरमाल़।।३[…]

» Read more

કાંકરી – કવિ શ્રી દુલા ભાયા કાગ

કુળ રાવળ તણો નાશ કીધા પછી, એક દી રામને વહેમ આવ્યો;
“મુજ તણા નામથી પથ્થર તરતા થયા, આ બધો ઢોંગ કોણે ચલાવ્યો?”
એ જ વિચારમાં આપ ઊભા થયા, કોઇને નવ પછી સાથ લાવ્યા;
સર્વથી છૂપતા છૂપતા રામજી, એકલા ઉદધિને તીર આવ્યા. 1
ચતુર હનુમાનજી બધું ય સમજી ગયા, […]

» Read more

शिरोमणि दानी सांगो गौड -अजय दान जी लखदान जी रोहडिया (मलावा)

वीरता में ज्यूं राजस्थान, रियौ है आगे प्रान्त अजोड।
त्यूहिं परसिध है जग सौराष्ट्र, शूरवीरों री धर सिरमोड।।१
जिको गांधी भी जलम्यो जेथ, कियो भारत नें जिण आजाद।
कहो किण रे मनडे रे मांय, नहीं है इण धरती री याद।।२
जठे कइ वेगा वीर जवान, मरण लग जिको न तजता माण।
पण्ड पर सह लेता सब पीड, पिरण पर दे देता पण प्राण।।३[…]

» Read more
1 7 8 9 10 11 30