सिरोल़ै सतरंगिये तारां

सहरां री चकाचौंध सूं,
साव अजाण्यो,
धोरां मगरां
डगरां डगरां
राख छाणनै पाणी छाण्यो।
हेली रै हलकारै
जिथिये,
निरभै रैवण
बोल सांभल़्यो,[…]
» Read more

कविता करणी ई व्है तो करजो !!

कविता करणी व्है
तो करजो!
धूवादी उरड़ती
काल़ोड़ी कांठल़ में
भूरड़ै भुरजां में
नागण सी
वल़ाका खावती
काल़ रो माथो किचरण
अंतस में उमंग
पल़कती बीजल़ री।[…]
» Read more

देशभक्ति

कांईआप बता सको ?
कै
देशभक्ति रो दीप
किण विचारधारा रै वायरै सूं प्रजल़ै
अर
अरूड़ चानणो देवै?
अर
किण विचारधारा रै वायरै रै
दोटां सूं बुझै परो।
» Read more

हे दिव्यात्मा!

हे दिव्यात्मा!
म्हांरै कनै फखत
तनै झुकावण नै माथो है
कै है
थारी मीठोड़ी ओल़ूं में
आंख्यां सूं झारण आंसू
कै
काल़जो काठो कर’र
तनै कोई मोटो
बदल़ो मान’र
मोह चोरणो ई रह्यो है सारू म्हांरै तो![…]

» Read more

उण काल़ नैं दुरकार काढ्यो

आंधियां अटारी
खैंखाट करती
आवती
वैर साजण
मुरधरा सूं
गैंतूल़ लेयर धूड़ रा।
अर धूड़ जिण तो
आंखियां
हर एक री
भर दिया रावड़
दीवी कावड़[…]

» Read more

राज बदळियां के होसी

कांई फरक पड़ै कै राज किण रो है ?
राजा कुण है अर ताज किण रो है ?
फरक चाह्वो तो राज नीं काज बदळो !
अर भळै काज रो आगाज नै अंदाज बदळो !
फकत आगाज’र अंदाज ई नीं
उणरो परवाज बदळो !
आप – आप रा साज बदळो
न्यारा – न्यारा नखरा अर नाज बदळो !
इत्तो बदळ्यां पछै चाह्वो
तो राजा बदळो
चाह्वै राज बदळो‘र
चाह्वै समाज बदळो ।[…]

» Read more

बाप अर बोल!!

कांई तेजो जाट इणी धरा रो सपूत हो?
सुणण में तो आ ई आवै
पण मनण में नीं आवै।
आवै ई कीकर
वो मिनख हो
कै बजराग!
जिको मोत सूं मिलण
चार पाऊंडा
साम्हो गयो।[…]

» Read more

कांई आपां जमीर बेच चूका?

कांई आपां जमीर बेच चूका?
ओ खाली म्हारो अबल़ेखो ई है
कै आपनै ई लागै
म्हारी बात में
कठै ई तंत !!
कांई आपनै
नीं लागै
कै
आपां में अबै
नीं रह्यो जमीर जीवतो[…]

» Read more

कितरा धृतराष्ट्र ?

कितरा धृतराष्ट्र ?
लागै है डर
साच नै साच कैवण सूं
जोखिम रो काम है
साच रै सैमूंडै ऊभणो
साच नै आंच नीं!
आ बात साव कूड़ी लागै है
क्यूंकै
जद जद ई हुयो है
किणी रो साच सूं सैंमूंडो
तो ऊतरी है
मूंडै री आब […]

» Read more

अजै ई कर रह्यी है कल़ाप कविता!!

आद कवि रै 
करुण क्रंदन रै संजोग सूं
उपजी कविता !
अजै ई कर रह्यी कल़ाप!
कणै ई बुद्ध नै
थापण कै
कणै ई
उथापण रा!!
कर रह्यी है तरल़ा
कणै ई वामपंथ नै खंडण
कै
कणै ई
दक्षिणपंथ नै मंडण
रा!!
अधरबंब में अल़ूझी

» Read more
1 2 3 4 6