थूं म्हारो अरमान लाडेसर

थूं म्हारो अरमान लाडेसर,
मान सकै तो मान लाडेसर।
म्हारो तन, मन, जीवण थूं ही,
थूं है म्हारी ज्यान लाडेसर।।

मायड़ समझ आँख रो तारो,
तुझ पर व्है कुरबान लाडेसर।
बूढापै बाबल री लाठी,
बतळावै विद्वान लाडेसर।।

» Read more

लाडली

आस तणो आधार लाडली
सैणां रो संसार लाडली
मरजादा री असली मूरत
पत-समदर पतवार लाडली।
तूं गणगौर दिवाळी दिपती
तीज तणो त्योहार लाडली।
प्रीत नीत परतीत परस्पर
रीत तणी रखवार लाडली।
ऊंचो सीस जिहास जिगर में
है सब थारै लार लाडली।[…]

» Read more

सुकवी गजदान सुणावै रे

सब सज्जनां मन होय सौराई, दुष्ट दौराई दूरै।
भेळप-संप रखै सब भाई, प्रेम भलाई पूरै।
(तो) सुकवी गजदान सुणावै रे, चित चारण वो दिन चावै।। 01।।

हर घर माँहीं हेत-हथायाँ, कुटिल मितायाँ कड़खै।
अणहद माण मिलै घर आयाँ, रंच न जायां रड़कै।
(तो) सुकवी गजदान सुणावै रे, चित चारण वो दिन चावै।। 02।।[…]

» Read more

भोर भई अब जाग जीव तू

भोर भई अब जाग जीव तू, आदीतो अम्बर आयो।
अरुण-किरण उठ आभै आई, हर पंछी मन हरसायो।।
चहकत द्वार चारु चिड़कलियां, कलियां चटकत सुख चायो।
गलियां महकत गुल-सोरम सूं, अलिसुत रलियां हित आयो।।
हिमकर उतर तजी असवारी, हिरणी रो मन हरसायो।
दधिसुत खिलत छूटियो अलिसुत, कौमुदसुत मन कुमलायो।।
नव किसलय निरखत सुख निपजै, दरखत-दरखत सरसायो।
सीतल-मन्द-सुगंध समीरण, घर-घर बांटन को आयो।।[…]

» Read more

रीत-नीत तज राड़ करै

रीत-नीत तज राड़ करै,
बाखळ में ऊभ बोबाड़ करै,
परिवार दुखी वां पूतां सूं,
कुळ नै रिगदोळ कबाड़ करै।
सावळ कावळ रो भान नहीं,
कुळ गौरव रो अभिमान नहीं,
लालच रै लपकां लाग्योड़ा,
ऐ गिणै कोई अहसान नहीं।[…]

» Read more

खुद तो खुद सूं साचो बोल

खुद तो खुद सूं साचो बोल
सै सूं पैली खुद नै तोल,
खुद रै मन री घुन्ड्यां खोल,
औरां सूं तो झूठ भलांई
खुद तो खुद सूं साचो बोल।
मन री सगळी घात बता तूं,
प्रतिघाति हालात बता तूं,[…]

» Read more

शहीद प्रभू सिंह राठौड़ नें श्रध्धांजली

अड़यो ओनाड़ वो आतंक सूं सिंवाड़ै
मौद सूं फूल नह कवच मायो।
अमर कर नाम अखियात इण इळा पर
अमरपुर सिधायो चंदजायो।।

प्रभू नै पियारो होयग्यो प्रभुसिंह
सोयग्यो चुका कर कर्ज सारो।
मौयग्यो मरद वो हिन्द री भोम नै
तनक में खोयग्यो चंद-तारो।।[…]

» Read more

बदळण रो हेलो कर बेली

तन भूखो अर मन उदियासू,
जीवण धारा डंक डसेली।
समय शंख में मंत्र फूंक अब,
बदळण रो हेलो कर बेली।।

जनशोषक सत्ता गळियारा,
जनगण मंगळ यूं गावै है।
शेषनाग री बांबी जाणै,
इमरत रो घट ढुळकावै है।
जनपथ सूळ, धूळ जन आंख्यां,
सपनां में जहरल गुळ भेली।
समय शंख में मंत्र फूंक अब,
बदळण रो हेलो कर बेली।।01।।

» Read more

बंदूकों से बात करो

मन की बातें बहुत हो गई, बंदूकों से बात करो।
टैंकों को बढ़ने दो आगे, आगे बढ़ आघात करो।
फोजों को मन की करने दो, होना है सो होने दो।
चीन भले करता हो चीं चीं, रोता है तो रोने दो।
राजनीति की रँगे खिलाड़ी, अब तो रँग दिखाओ तुम।
पल पल धोखा दिया उसे कुछ, अब तो सबक सिखाओ तुम।
कूटनीति के कौशल सारे, दिखलाने की बारी है।
विश्व पटल पे भारत की, कहदो कैसी तैयारी है।[…]

» Read more

🌷घनाक्षरी कवित्त 🌷

कुंभा से कला प्रवीण, सांगा से समर वीर,
प्रणधारी पातळ की मात महतारी है।
प्रण हेतु परणी को चंवरी में छोड़ चले,
काळवीं की पीठ चढ़े पाबू रणधारी है।।
मातृभूमि की पुकार सुनिके सुहाग रात,
कंत हाथ निज सीस सौंपे जहां नारी है।
कर के प्रणाम निज भाग को सराहों नित,
रणबंकी राजस्थान मातृभू हमारी है।।01।।[…]

» Read more
1 9 10 11 12