शूरवीर चारण कानाजी आढा द्वारा मित्र का वैर लेना – डॉ. नरेन्द्रसिंह आढा (झांकर)

।।शूरवीर चारण कानाजी आढा द्वारा आमेर के शासक सांगा को मारकर अपने मित्रवत् स्वामी करमचंद नरूका का वैर लेना।।
(सन्दर्भ: ख्यात देश दर्पण पृ स 28-29 कृत दयालदास सिंढायच व श्यामलदास जी दधवाडिया कृत वीर विनोद के भाग 3 के पृ स 1275)
बीकानेर की धरती के कानोजी आढा चारण जाति के बडे शूरवीर योद्धा थे कानोजी आढा दुरसाजी आढा की तरह कलम व कृपाण दोनो में सिद्धहस्त चारण थे। कानोजी अमल खूब खाते थे इनके अमल ज्यादा खाने से इनके भाईयों ने इन्हें घर से निकाल दिया। ये अमल की जुगाड में इधर उधर ठिकाणों में जाने लगे। घूमते हुए आमेर की सीमा में आ गये।[…]
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