काव्य सरिता
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- श्रीकृष्ण-सुदामा प्रीत का गीत – दुर्गदानजी जी
- घनघोर घटा, चंहु ओर चढी – कवि मोहन सिंह रतनू
- हे चारणी सुख कारणी – आई सोनल माँ कृत स्तुति
- આઇ શ્રી ખોડીયારનો છંદ – કવિ કાનદાસ મેહડુ
- कर मत आतमघात – कवि मोहन सिंह रतनू
- कहाँ वे लोग कहाँ वे बातें (गाँव सींथल का एक वृतांत) – सुरेश सोनी (सींथल)
- गीत वांमणावतार रौ – महाकवि नांदण जी बारहठ
- खूबड़जी री स्तुति – गंगारामजी बोगसा
- कवि देवीदान देथा बाबिया (कच्छ) का मरसिया – कवि जाडेजा प्रताप सिंह जी
- धुर पैंड़ न हालै माथौ धूंणे (गीत घोड़ा रैं ओळभा रौ) – ओपा जी आढ़ा
- गुरु वंदना – देवी दान देथा (बाबिया कच्छ)
- गये बिसारी गिरधारी – त्रिभंगी छंद – स्व. देवीदान देथा (बाबीया कच्छ)
- आवड़ वंदना – जय सिंह सिंढायच मण्डा (राजसमन्द)
- श्री डूंगरराय स्तवन – कवि चाळकदान जी रतनू (मोड़ी)
- रांमदेव जी रा दूहा – उदयराज जी उज्जवल
- हनुमान अष्टक – जनकवि ऊमरदान लालस
- गोड़ावण गरिमा – कवि मोहन सिंह रतनू
- श्री रांमदे सतक – उदयराजजी उज्जवल कृत
- आहुवा पच्चिसी – कवि हिम्मत सिंह उज्ज्वल (भारोड़ी)
- बैशक दीजो बोट – कवि मोहनसिंह रतनू
- કંઠ કહેણીના મશાલચી : મેરૂભા ગઢવી (લીલા)
- श्री करणी स्तुति – जय जय भवानी अम्बिके – ठा. केसरी सिंह बारहट
- स्तुति श्री करणी माँ की – कवि जयसिंह सिढ़ायच (मण्डा-राजसमन्द)
- भगतमाल़ – छंद त्रिभंगी – ब्रह्मदास जी बीठू माड़वा
- भगत माल़ – गीत चित्त ईलोल़ -कवि ब्रह्मदास जी बीठू माड़वा, जैसलमेर
- जेठवा री बात में कतिपय भ्रामक धारणाएं – श्री कैल़ाश दान उज्ज्वल आईएएस (रिटायर्ड)
- भैरव नाथ रो छंद – जयसिंह सिंहढायच, मंदा, राजसमंद
- भैरव वंदना – कवि डूंगरदान जी आशिया बाल़ाऊ
- महादेव महिमा – डूंगर दान जी आसिया, बालाऊ
- श्री आवड़ आराधना – कवि चाळकदान जी रतनू मोड़ी