काव्य सरिता
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- जोगण चाळकनेच जयो – महादान महडू
- आवड मां रा रास रमण रे भाव रा दुरमिल सवैया
- चिरजा – देशनोक दर्शन की आकांक्षा पुर्ती की – हिंगऴाजदानजी जागावत
- आवड माता री स्तुति – अनोपजी वीठू
- जोगमाया रो सपाखरु गीत – कवि बेणूजी
- आवाहण गीत सपाखरु – कवि खोडीदान जी
- मंदोदरी-सूर्पणखा संवाद – बांकजी बीठू
- डिंगल फेशन – कवि भंवरदान गढवी “मधुकर”
- श्री किरपारामजी खिड़िया री विलक्षण सूझ बूझ – राजेंद्रसिंह कविया संतोषपुरा सीकर
- देस-देस रा दूहा-मोहन सिंह रतनू
- डिंगल काव्य केवल वीर रस प्रधान ही नहीं इसमें हास्य रस भी है-मोहन सिंह रतनू
- गीत राठोड़ पाबूजी धांधळोव रो – आसिया बांकीदास रो कह्यो
- चाळराय चाळकनेची रो डिंगळ गीत – कवि केसरदानजी खिडिया
- गूदड़ी वाले बाबा गणेशदास जी !!
- कलरव रा कमठाण
- माटी थनै बोलणौ पड़सी – कवि रेवतदान चारण
- जांभा सुजस – कवि भंवरदान माडवा “मधुकर”
- छंद भयंकर भ्रमर भुजंगी – कवि भंवरदान माडवा “मधुकर”
- गजल: देख लै – कवि जी. डी. रामपुरिया
- आई शैणलमां रो गीत – कवि नाथूराम लाळस
- करणी मां रो आवाहण गीत – जंवाहरजी किनिया सुवाप
- पद्मश्री डा. सीताराम लालस
- आशापुरा देवी महिमा – ईशरदास जी
- चारणों वीरों की यादें!
- वह समय-वे भक्त-वह बातें
- श्री जगदंबा मानसर तट रास विलास – कवि देवीदानजी (बाबिया कच्छ)
- ग़ज़ल – जब जब मौसम – राजेश विद्रोही (राजूदान जी खिडिया)
- ग़ज़ल – मैं किसी की हाजिरी – राजेश विद्रोही (राजूदान जी खिडिया)
- श्री करणी रक्षा कवच – कविराजा बाँकीदास आसिया
- चामुंडा माताजी रो डिंगळ गीत – कवि राघवदान जबरदान देवका