काव्य सरिता
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- આજ તરછોડ માં જોગમાયા – કવિવર દુલા ભાયા “કાગ”
- दीकरी – गज़ल
- કાંકરી – કવિ શ્રી દુલા ભાયા કાગ
- शिरोमणि दानी सांगो गौड -अजय दान जी लखदान जी रोहडिया (मलावा)
- 🌺वाह! जवानां🌺 – कारगिल माथै कवि वीरेन्द्र लखावत कृत एक गजल
- शारदा स्तुति -प्रबीन सागर से
- हेत हु की न करो तुम हांसी – प्रबीन सागर से सवैया
- चंदू मा रा छंद – धूड़जी मोतीसर जुढिया
- नागदमण – सांयाजी झूला
- अलूजी लाळस रा बारहमासा
- रुद्राष्टकम – हिम्मत सिंह कविया नोख
- झरोंखे दृग लायके – “प्रबीणसागर” से मनहरण कवित्त (घनाक्षरी)
- हनुमान तांडव – सुरताणिया जगमालसिंह ‘ज्वाला’
- रूंख रिछपाळ री करो रिच्छा – पुष्पेन्द्र जुगतावत पारलाउ
- माँ करणी सूं विनती – मनोज चारण (गाडण) “कुमार”
- हनुमान वंदना – कानदासजी मेहडु (गाम- सामरखा)
- जतन – कवि वीरेंदर लखावत
- माताजी का छंद – कवि जय सिंह जी सिंढायच (मंदा)
- सरस्वती आह्वाहन – हिम्मत कविया नोख
- बारहमासा – भाव नगर कविराज पिंगल शी पाता भाई नरेला
- महाराणा प्रताप रौ जस – कवि स्व. भँवरदान जी वीठू “मधुकर” (झणकली)
- मोगल पचीशी – जोगीदान गढवी (चडीया)
- 🍄शिवाष्टक🍄- श्री जोगी दान जी कविया सेवापुरा
- महर कर मामड़जा माई – कविवर श्री शुभकरण जी देवल
- जय तेमड़ेराय – चिरजा – कवि सोहनदान जी सिढायच
- अमर सहीद कुंवर प्रतापसिंह बारठ – प्रहलादसिंह “झोरड़ा”
- जयो रंग करन्नल मात रमै – महाकवि मेहाजी वीठू झिणकली/खेड़ी
- छँद देवल रो – कविराज जुँझारदान जी दैथा ‘मीठड़िया’
- 🌹 गरमी मे गुडफील🌹
- भगवान ना ओळुम्भा २०२५ मे काळ पड़ने पर – कवि स्व. भँवरदान जी वीठू “मधुकर” (झणकली)