रल़ियाणो राजस्थान जठै

रंग बिऱंगी धरा सुरंगी, जंगी है नर-नार जठै।
सदियां सूं न्यारो निरवाल़ो, रल़ियाणो राजस्थान जठै।
रण हाट मंडी हर आंगणियै, कण-कण में जौहर रचिया है।
पल़की बै ताती तरवारां, भड़ वीरभद्र सा नचिया है।
वचनां पर दैवण प्राण सदा, जुग-जुग सूं रैयी रीत अठै।
रल़ियाणो राजस्थान जठै।।1[…]